अनपढ़ बालू माफिया अब पढ़ेंगे बालू घाटों से अवैध बालू के उठाव पर रोक का संदेशफोटो – लिखाये गये बोर्ड के पास खड़े पदाधिकारी और ग्रामीण

एनपीटी गोड्डा ब्यूरो
महागामा : गोड्डा जिले के महगामा प्रखंड क्षेत्र में प्रशासन ने अवैध बालू खनन पर लगाम कसने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। एक विशेष अभियान के तहत महगामा अंचल के चार प्रमुख बालू घाटों-संग्रामपुर, नरोत्तमपुर, विश्वासखानी और कला डुमरिया की सीमा को चिन्हित कर वहां स्पष्ट सूचना बोर्ड लगाए गए हैं। ये सभी घाट ग्राम पंचायत विशाखानी के अंतर्गत आते हैं। बोर्ड पर स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि ये घाट ‘कैटेगरी-1’ के अंतर्गत आते हैं और बिना वैध अनुमति के यहां से बालू उठाव करना पूरी तरह अवैध है। उल्लेखनीय है कि अनपढ़ बालू माफिया अब पढ़ेंगे बालू घाटों से अवैध बालू के उठाल पर रोक का संदेश। काफी बालू दोहन होने के बाद अब कुंभकर्णी नींद से जागा है सिस्टम। मोटे तौर पर कहे तो बालू घाटों पर प्रशासन की सख्ती होने से अवैध खनन पर रोक लगाने की कवायद तेज हुई है।
पर्यावरणवीद की माने तो बालू केवल निर्माण कार्य के लिए एक सामग्री नहीं है, बल्कि यह पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाती है। नदियों के किनारे से अत्यधिक मात्रा में बालू का दोहन करने से नदी की प्रवाह प्रणाली प्रभावित होती है, जिससे नदियों का तल नीचे चला जाता है और आसपास के जलस्तर में गिरावट आती है। इससे कृषि योग्य भूमि की उर्वरता भी घटती है और स्थानीय जल स्रोत सूखने लगते हैं। इसके अलावा, बालू के अंधाधुंध खनन से नदी किनारे की पारिस्थिति भी खतरे में पड़ जाती है। कई जलीय जीवों और पौधों का प्राकृतिक आवास नष्ट हो जाता है, जिससे जैव विविधता पर प्रतिकूल असर पड़ता है। मानना है कि यदि समय रहते बालू के अवैध खनन पर रोक नहीं लगाई गई, तो आने वाले समय में यह पर्यावरणीय संकट का बड़ा कारण बन सकता है। प्रशासन द्वारा उठाए गए इस कदम से एक ओर जहां अवैध खनन करने वालों को चेतावनी मिली है। वहीं, दूसरी ओर यह पर्यावरण के संरक्षण की दिशा में एक सकारात्मक शुरुआत भी है। अब देखना यह होगा कि स्थानीय स्तर पर पंचायत और जनता मिलकर इस अभियान को कितनी मजबूती से आगे बढ़ाते हैं।
इधर, अंचल अधिकारी ने मीडिया कर्मियों को जानकारी देते हुए बताया कि यह पहल अवैध खनन पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करने और ग्रामीण क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों के न्यायपूर्ण वितरण को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई है। उन्होंने कहा कि बालू उठाने वाले व्यक्ति या समूह यदि बिना अनुमति कार्य करते हैं, तो पंचायत की रिपोर्ट के आधार पर उनके विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस कदम का स्थानीय ग्रामीणों ने खुले दिल से स्वागत किया है। उनका मानना है कि इससे न केवल अवैध खनन पर अंकुश लगेगा, बल्कि क्षेत्र का पर्यावरणीय संतुलन भी बनाए रखने में मदद मिलेगी।