पाकुड़

सुरक्षा के ध्यानार्थ अन्तर्राज्यकीय बॉर्डर पर वाहनों की तलाशी की है जरूरत, हालात बिगड़ने की कोशिश नाकाम

एनपीटी,

झारखण्ड के पाकुड़ से सटे पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के जंगीपुर अनुमंडल क्षेत्र के सामशेरगंज- सूती थाना क्षेत्र में हुई आगजनी, लूट-पाट , उपद्रव अन्य की वृत्तांत को ले झारखंड- पश्चिम बंगाल इंटर स्टेट बॉर्डर स्थित मुर्शिदाबाद – पाकुड़ बॉर्डर इलाके में जहां पाकुड़ जिला प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ा दी है यानी सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम किया है और सुरक्षा बलों के द्वारा हर गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा रही है। वही मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज- सूती थाना क्षेत्र में धीरे-धीरे माहौल शांत होता हुआ नजर आ रहा है। विभिन्न समाचार चैनलों में प्रतिक्रिया सामने आ रही है, कहीं कुछ दिख रहा है तो कहीं और कुछ दिख रहा है। लेकिन सोशल एक्टिविस्टों ने असलियत को उजागर करते हुए कई चैनलों पर गोदी मीडिया की गंदा प्रोपगंडा पर पानी फेर देने की भी आवाज बुलंद हों रही है। जहां लोग शान्तिपूर्ण माहौल में अपना जीवन यापन करने में आपसी सौहार्द को बनाये रखने में अपना भुमिका सुनिश्चित करने में अहम दायित्व का निर्वहन की जिम्मेवारी अपने आप संभाल रहे हैं। वही कुछ मीडिया चैनलों पर बढ़ा- चढ़ाकर हिंसक/’उपद्रव की आलम जैसी हालात दिखाने की खबर चलाने में दिलचस्पी रखने की गोदी मीडिया जैसी आरोप भी लगाया जा रहा है। सोशल मीडिया में आ रहे खबरों /‌ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुर्शिदाबाद के जंगीपुर सब-डिविजन के सामशेरगंज- सुती थाना क्षेत्र के स्थानीय किसी भी समुदाय की स्थिति सामान्य है। लेकिन एक्टिविस्टों के मुताबिक गोदी मीडिया के द्वारा अलग-अलग अंदाज में इसे गंदा प्रोपगंडा के तहत बढ़ा- चढ़ाकर दिखाने का प्रयास किया जा रहा है। जिसे लोगों के हृदय में डर पैदा हुआ है। लोग दहशत में है कि यह क्या हो गया/ हो रहा जो वर्षों से एक साथ रहकर समाज निर्माण में अपनी अहम दायित्व का निर्वहन करते हुए आ रहे हैं। जब जमीनी हकीकत का तहकीकात करते हुए सोशल एक्टिविस्टों ने असलियत को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उजागर किया तो चश्मे माशूक की तरह सामशेरगंज- सुती थाना क्षेत्र में हुई वृतांत की झलकता हुआ नजारा अपने आप प्रकट हो रहा है। सभी समुदाय शान्तिपूर्ण तरीके से रहना चाहते हैं और रह रहे हैं। लेकिन तोहमत लगाते हुए कहा जा रहा है कि गोदी मीडिया के चैनलों के द्वारा दिखाये गये गंदा प्रोपगंडा के कारण लोग डर के साये में (माहौल में) चले गये थे, जिसे कुछ लोग घर छोड़कर चले गये थे, फिर वापस अपना घर आ गये और सामान्य तरीके से अपना जीवन- यापन करना प्रारम्भ कर दिया। हालांकि कुछ लोग अभी भी दहशत में हैं कि कहीं ऐसी गतिविधि पुनरावृत्ति न हो जाए। वर्तमान में हालात पहले से बेहतर है और धीरे-धीरे सामान्य स्थिति की दिशा में अग्रसर है। वही लोगों को अफवाहों, सोशल मीडिया के माध्यम से फैलाये जा रही किसी भी अफवाहों या फिर गोदी मीडिया की तोहमत लगाये जा रहे चैनलों की गंदा प्रोपगंडा पर से दूरी बनाते हुए समाज को संवारने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने में ही मददगार साबित होगा। लिहाजा सुरक्षा के ध्यानार्थ पाकुड़ जिले से जो भी मुर्शिदाबाद की ओर या पश्चिम बंगाल की ओर जा रहे हैं, उसकी पहचान होना बहुत जरूरी है चाहे कोई भी क्यों ना हो। जब भी पाकुड़ जिले से पश्चिम बंगाल की ओर रात के अंधेरे में जाते हुए यदि कोई प्रकाश में आता है तो उसका नाम पता पहचान, वाहन संख्या/ दूरभाष संख्या सूचीबद्ध करके रखना चाहिए, ताकि सुरक्षा व्यवस्था बने रहने में मददगार हो सके। साथ ही दिन के उजाले में भी सभी वाहनों का तत्काल सूचीबद्ध करना शायद बेहतर रहेगा। वही वर्तमान हालात के मद्देनजर सुरक्षा के ध्यानार्थ अन्तर्राज्यकीय बॉर्डर पर वाहन समेत सफर कर रहे लोगों की तलाशी लेने की जरूरत जगजाहिर है।

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Nurul Islam

PRABHARI (MANDAL)

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