महागामा प्रखंड अंतर्गत महर्षि मेंही हृदय धाम हांहांजोर लहठी के स्थापना दिवस पर आयोजित

एनपीटी गोड्डा ब्यूरो
महगामा (गोड्डा) महगामा में दो दिवसीय संतमत सत्संग का सोमवार शाम को समापन हो गया। सत्संग में भारतवर्ष के विभिन्न पवित्र तीर्थ स्थान से लगभग सौकडों संत महात्माओं ने भाग लिया। सत्संग में हजारों की भीड़ संत महात्माओं के दर्शन और प्रवचन सर्वनार्थ उमड़ पड़ी। संत महात्माओं ने सत्संग और संत की महिमा पर प्रकाश डाला। हरिद्वार से पधारे स्वामी ज्ञान शिखर जी महाराज ने उपदेश दिया की जिन्होंने संतों के चरणों को पकड़ लिया उन्हें परमात्मा की प्राप्ति हुई। भगवान श्री राम कृष्ण ने भी गुरु धारण किया है। सच्चे संत सद्गुरु महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज द्वारा बताएं साधना विधि एवं विधि निषेध का पालन कर मानव अपना परम कल्याण कर सकता है। त्रिवेणी संगम संतमत सत्संग के संस्थापक संरक्षक आचार्य स्वामी श्रद्धानंद जी महाराज ने प्रवचन में कहां की प्रत्येक मानव ईश्वर दर्शन कर सकता है। ईश्वर की प्राप्ति के लिए बाहर तीर्थ स्थान, मंदिर, मस्जिद की यात्रा से संभव नहीं है। परमात्मा कण-कण में व्याप्त है। बैठकर सुषुम्ना में ध्यान करने से प्रकाश शब्द के सहारे वहां तक पहुंचा जा सकता है। सच्चाई से जीवन व्यतीत करना चाहिए। अभिषेक बाबा, मनु बाबा सहित दर्जनों महात्माओं ने उपदेश दिया। सोमवार को अंतिम पाली में महागामा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी चंद्रशेखर आजाद, थाना प्रभारी शिवदयाल सिंह, अंचलाधिकारी डॉक्टर खगेंद्र महतो, विपिन बिहारी सिंह सत्संग स्थल पहुंचकर स्वामी श्रद्धानंद जी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया। अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि ऐसे आयोजन से सच्चे ज्ञान की प्राप्ति होती है। हमें अपने बच्चों को अच्छा संस्कार देना चाहिए ताकि वह अच्छा नागरिक वन देश में अपना योगदान दे सके सभी भक्तजनों के लिए भोजन महाप्रसाद की समुचित व्यवस्था की गई थी