जामताड़ा

प्रधानमंत्री को ठहराया जिम्मेदार, इस्तीफे की उठी मांग, मुस्लिम नेताओं ने कड़े शब्दों में जताई नाराजगी

शेख शमीम

एनपीटी ब्यूरो, जामताड़ा (झा०खं०), , जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। देश के कोने-कोने से इस नृशंस वारदात की तीव्र निंदा की जा रही है। झारखण्ड के जामताड़ा जिले में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शुक्रवार को नमाज़ के दौरान काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। साथ ही नमाज़ के बाद शहीदों और मारे गये निर्दोष लोगों की आत्मा की शांति के लिए विशेष दुआ की गई। इस मौके पर हाफिज नाजीर हुसैन ने कहा कि 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में जो घटना हुई, उसने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। देशभर के मुसलमान और हर वर्ग के लोग आक्रोशित हैं। इस तरह की घटनाएं तभी होती है, जब शासन-प्रशासन विफल हो जाता है। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को इसकी सीधी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। अगर देश वाकई सुरक्षित हाथों में है, तो फिर ऐसी घटनाएं क्यों हो रही है? हाफिज नाजीर ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। हमारे भाई- बहनों की निर्मम हत्या कर दी जाती है और प्रधानमंत्री चुप हैं। देश में इतनी सेना होते हुए भी यह हमला कैसे हुआ? अगर जवाबदेही तय नहीं की जायेगी, तो ऐसे हमले दोबारा हो सकते हैं। उन्होंने कहा। इरशाद उल हक अर्शी ने भी अपनी नाराज़गी जाहिर की। उन्होंने कहा कि जब भी प्रधानमंत्री विदेश दौरे पर होते हैं, देश में आतंकी हमला होता है। पहलगाम में 2000 से ज्यादा सैनिक मौजूद थे, फिर भी लोकल सुरक्षा बलों को 2 घंटे पहले क्यों हटाया गया? यह सवाल उठता है और इसके जवाब प्रधानमंत्री को देने चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के हमलों से न केवल भारत की छवि धूमिल होती है, बल्कि पूरी दुनिया में हमारी सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो जाते हैं। प्रधानमंत्री को चाहिए कि वे इस हमले की नैतिक जिम्मेदारी लें और इस्तीफा दें। दाऊद अंसारी ने भी सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने जब सत्ता संभाली थी, तब वे पिछली सरकारों से सवाल पूछते थे, अब उन्हें भी जवाब देना चाहिए। देश की सीमाएं अब भी सुरक्षित नहीं हैं। यह समय राजनीति करने का नहीं है, बल्कि आतंकवाद को जड़ से मिटाने का है। सादिक अंसारी ने भी बताया कि यह हमला सिर्फ हिंदू समुदाय पर नहीं था, बल्कि हमारे समुदाय के आदिल भाई ने भी इस हमले में अपनी जान गंवाई। मीडिया सिर्फ एक पक्ष दिखा रही है, जबकि सच्चाई यह है कि आतंक का कोई धर्म नहीं होता। हमें एकजुट होकर इसका विरोध करना चाहिए। जामताड़ा में मुस्लिम समुदाय की ओर से यह विरोध न केवल एकजुटता का संदेश देता है, बल्कि यह भी बताता है कि आतंकवाद के खिलाफ पूरा देश एक मंच पर है। इस विरोध प्रदर्शन ने यह स्पष्ट कर दिया कि आतंकवाद के खिलाफ हर धर्म, हर समुदाय साथ खड़ा है और सरकार को इससे निपटने के लिए जवाबदेह होना ही होगा।

Show More

Nurul Islam

PRABHARI (MANDAL)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button