मुरादाबाद

35 साल बाद उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद ले पाया अपना भवन

नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो,

मुरादाबाद। अधिकारियों ने बताया कि एक माह के भीतर नोटिस का जवाब देकर सील किया गया सामान ले जाया जा सकता है। दोनों लोगों के द्वारा कोई भी जवाब नहीं दिया गया।

उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद को अपने भवन को लेने में करीब 35 साल लग गए। अब तो यह भवन खंडहर भी हो चुके हैं। फिर भी इन भवनों की कीमत करीब 50 लाख रूपये बताई जाती है।

बहरहाल जिगर विहार योजना में दो मकानों को कब्जा मुक्त कराने की कार्रवाई प्राधिकरण की ओर से की गई है। दोनों मकानों की कीमत 50 लाख रुपये बताई जा रही है। दोनों मकानों पर 35 साल से अवैध रूप से कब्जा चल रहा था। 

पैसा नहीं देने पर आवंटन किया था कैंसिल

आवास विकास की जिगर विहार योजना में 1990 में पैसा अदा नहीं करने पर दो मकानों का आवंटन कैंसिल किया गया था। 2007 में बेदखली का आदेश भी पारित किया गया। इसके बाद अतीक अहमद व नसीमा बी द्वारा मकानों पर अवैध रूप से रहना शुरू कर दिया।

आवंटियों ने कोर्ट की ली शराण

आवास के एक्सईएन रजनीश कुशवाह ने बताया कि मकानों को खाली कराने का प्रयास किया गया, लेकिन अतीक अहमद व नसीमा के द्वारा कोर्ट की शरण ली गई। अदालत द्वारा स्टे कर दिया गया। आवास विकास ने पैरवी कर कोर्ट के स्टे को खारिज करवा दिया। इसी वर्ष जनवरी माह में मकानों को सील करते हुए नोटिस जारी किया। 

नोटिस का जवाब देकर सामान ले जा सकते हैं

अधिकारियों ने बताया कि एक माह के भीतर नोटिस का जवाब देकर सील किया गया सामान ले जाया जा सकता है। दोनों लोगों के द्वारा कोई भी जवाब नहीं दिया गया। संपत्ति अधिकारी प्रवीन सिंह रावत व फोर्स के साथ जाकर दोनों मकानों पर कब्जा लेने की कार्रवाई हुई।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button