एलिवेटेड रोड के विरोध में सैकड़ों ग्रामीण पहुंचे कलेक्ट्रेट, 29 सूत्रीय मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन, 15 मई से आंदोलन की चेतावनी

अलवर सरिस्का क्षेत्र में प्रस्तावित एलिवेटेड वायवर्जन सड़क के विरोध में शनिवार को सैकड़ों ग्रामीण अलवर जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और जोरदार प्रदर्शन कर 29 सूत्रीय मांगों को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। यह प्रदर्शन भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक टिकैत ए) के बैनर तले हुआ, जिसका नेतृत्व पेमाराम मीना और भूपत सिंह ने किया।
ग्रामीणों ने कहा कि सरिस्का क्षेत्र से थानागाजी तक प्रस्तावित एलिवेटेड रोड उनके रोज़गार और जीवन से जुड़ा मसला है। कुशालगढ़ और आस-पास के कई गांवों में छोटे दुकानदारों, ढाबा संचालकों और स्थानीय व्यापारियों की रोज़ी-रोटी इसी सड़क से जुड़ी है। यदि एलिवेटेड रोड का निर्माण हुआ तो यात्रियों की आम आवाजाही ऊपर से निकल जाएगी, जिससे नीचे के व्यवसाय पूरी तरह खत्म हो जाएंगे। इससे हजारों लोगों का रोजगार छिन जाएगा। ग्रामीणों की मांग है कि सड़क का निर्माण पूर्व में स्वीकृत मार्ग पर ही हो और ऊंची सड़क के बजाय सामान्य सड़क बनाई जाए।
ज्ञापन में ग्रामीणों ने सड़क निर्माण के अलावा अन्य कई मुद्दों को भी उठाया। इनमें वन अधिकार अधिनियम 2006 को प्रभावी रूप से लागू करना, सिवायचक भूमि पर खातेदारी हक देना, वन विभाग द्वारा लगाई गई रजिस्ट्री पर रोक हटाना, मुआवजा न मिलने पर नाराजगी, पीने के पानी की बोरिंग पर लगी पाबंदी हटाना, पशु चराई की अनुमति और विस्थापन की कट ऑफ डेट को 2025 तक बढ़ाने जैसी मांगे शामिल हैं।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि 15 मई तक प्रशासन ने उनकी मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया तो वे प्रेमनाथ बगीची, भर्तृहरि तिराहा पर बड़ा जन आंदोलन शुरू करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।