सीकर

विश्व मातृत्व दिवस विशेष।

एक मां को भी मां की जरूरत होती

मां को भी एहसास कराए कि उनका घर में उनकी जरूरत ही नहीं उनका एक विशेष स्थान है

नेशनल प्रेस टाइम्स,ब्यूरो।

सीकर । विश्व मातृत्व दिवस की सभी मातृशक्ति सभी बेटियों को हार्दिक शुभकामनाएं। स्त्री का हर रूप ही मातृत्व का एहसास करवाता है,उनके लिए एक दिन की नहीं बल्कि पूरी जिंदगी के दिन भी कम पड़ते है। ये जो मदर्स डे मनाने का चलन है, इस बहाने से आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में हम मां के लिए एक दिन तो निकाल पाते है, किसी भी शख्स के जीवन में मां का स्थान सबसे ऊपर होता है ; क्योंकि मां उसे बाकि दुनिया से नौ महीने ज्यादा जानती है ! इसके अलावा बच्चे के लिए मां के बलिदानों का कोई सानी नहीं , इसलिए मां मां के प्रति अपना प्यार, सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए हर साल मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है । इस बात का एहसास हमें कभी नहीं होता है, कि एक मां को भी मां की जरूरत होती है, एक मां जो बच्चों को हमेशा पैम्पर करना जानती हैं, लेकिन हमें इस बात का एहसास नहीं होता है कि कभी उन्हें भी मां के पुचकार की जरूरत हो सकती है। दरअसल, मां को खुश करने के लिए कोई बड़े-बड़े तोहफों की जरूरत नहीं होती है, उनकी थोड़ी सी कद्र और थोड़ा सा प्यार भी उनके लिए किसी लाड़ प्यार से कम नहीं होगा। सो, थोड़ा लाड़ प्यार उन्हें भी देकर देखिए। कई बार उनकी यानी मां की चाहत हो सकती है कि उनके बिना कहे ही कि उनके दिल में क्या चल रहा है या फिर वो क्या करना या कहना चाहती हैं, वह कोई ऐसे ही समझ लें और उन्हें इसकी व्याख्या न करना पड़े। हो सकता कि कभी उन्हें घर के कामों में मन नहीं लग रहा हो, वो बाकी की चीजें नहीं करना चाहती हैं, तो उनके इशारों को समझना भी उनके बच्चों के लिए बेहद जरूरी है ।इस बात का भी आपको ख्याल रखना जरूरी है कि जीवन में मां-बाप का जो सम्मान है, वह किसी का भी नहीं हो सकता है, आप भले ही काफी मॉडर्न हों, लेकिन मां का कभी भी अपने दोस्तों या किसी के सामने मजाक में भी मजाक बनाने की कोशिश न करें, यह उन्हें कभी भी अच्छा नहीं लगेगा। इसलिए इस बात का ख्याल रखना जरूरी है। कई बार उनकी यानी मां की चाहत हो सकती है कि उनके बिना कहे ही कि उनके दिल में क्या चल रहा है या फिर वो क्या करना या कहना चाहती हैं, वह कोई ऐसे ही समझ लें और उन्हें इसकी व्याख्या न करना पड़े। हो सकता कि कभी उन्हें घर के कामों में मन नहीं लग रहा हो, वो बाकी की चीजें नहीं करना चाहती हैं, तो उनके इशारों को समझना भी उनके बच्चों के लिए बेहद जरूरी है।

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