सिंगल यूज प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के जागरूकत रथ को डीसी – एसपी ने दिखाया हरी झंडी

नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो,
पाकुड़ (झा०खं०), स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण चरण-2 अन्तर्गत विश्व पर्यावरण दिवस 2025 को लेकर “वैश्विक स्तर पर प्लास्टिक कचरा प्रदूषण की समाप्ति” को लेकर 22 मई से 05 जून 2025 तक विभिन्न जन जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। जिला जल एवं स्वच्छता समिति, पाकुड़ के द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर ग्रामीणों के बीच सिंगल यूज़ प्लास्टिक प्रबंधन को लेकर समाहरणालय परिसर से उपायुक्त मनीष कुमार व पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार, उप विकास आयुक्त महेश कुमार संथालिया, पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता अनंत प्रसाद सिंह एवं सिविल सर्जन डॉ मंटू कुमार टेकरीवाल के द्वारा संयुक्त रूप से जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर सभी प्रखंडों के लिए रवाना किया गया। उपायुक्त मनीष कुमार ने कहा कि जिसका मुख्य उद्देश्य सिंगल यूज़ प्लास्टिक प्रबंधन पर ग्रामीणों के बीच जागरूकता लाना है। कूड़ा इधर-उधर फेंकने का दुष्परिणाम भूमि के ऊपर और भूमि के नीचे के जल का प्रदूषण होना। कूड़े के ढेर से उत्पन्न मक्खियों चूहे और अन्य जानवर बीमारियों के कीटाणु आसपास की आबादी तक पहुंचाते हैं। मिट्टी में मिले विषाक्त पदार्थ आसपास की वनस्पतियों पेड़ पौधों मैं मिल जाता है तथा डंप स्थान से निकलने वाली मिथेन गैस का ग्लोबल वार्मिंग में मुख्य योगदान है। मनुष्य द्वारा फैलाया गया कूड़ा न सिर्फ हमें अपितु जानवरों को भी बीमार कर सकता है। जीवन खतरे में डालते हैं डंप स्थान में जमा कचरे से मिथेन गैस निकलती है। यह गैस ज्वलनशील होने के कारण डंप में आग लगाना अथवा विस्फोट हो सकता है। इस प्रकार की आग से निपटने वाला विषाक्त धुआं आसपास की आबादी की सांसों में मिल जाता है। सिंगल यूज़ वाले प्लास्टिक को ना बोले प्लास्टिक का उपयोग बंद करें तथा हम अपने व्यवहार में बदलाव लाकर सिंगल यूज़ प्लास्टिक को बंद कर सकते हैं। सिंगल यूज़ प्लास्टिक को बंद कर वातावरण मिट्टी पानी को दूषित होने से बचाया जा सकता है। खुद का पानी का बोतल एवं कपड़े का थैला के व्यवहार से एक शुरुआत की जा सकती है। थर्मोकोल एवं प्लास्टिक को ना बोले हरा पत्ता का थाली एवं कटोरी मिट्टी के बर्तन का उपयोग करें। इस अवसर पर जिला समन्वय सुमन मिश्रा, इमरान आलम मुख्य रूप से उपस्थित थे।