असम

निखिल विष्णुप्रिया मणिपुरी महासभा का 15वाँ वार्षिक अधिवेशन सम्पन्न — नव-निर्वाचित राज्य समिति ने संभाला कार्यभार।


नेशनल प्रेस टाइम्स,ब्यूरो।

असम : निखिल विष्णुप्रिया मणिपुरी महासभा, असम राज्य समिति का 15वाँ वार्षिक अधिवेशन दिनांक 24और 25 मई 2025 को बड़े धूमधाम के साथ दुल्लभछड़ा चोरगोला वेळी पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल में संपन्न हुआ। सुबह 10 बजे दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया, जिसे श्रीभूमि जिले के जिला विकास आयुक्त दीपक जिडुंग ने संपन्न किया। उनकी गरिमामयी उपस्थिति ने आयोजन को एक ऐतिहासिक रूप प्रदान किया।
इस प्रतिष्ठित अधिवेशन की स्वागत समारोह के अध्यक्षता कर रहे थे समाजसेवी आदरनीय दीपन सिन्हा। अध्यक्ष मंडल में उपस्थित थे: तरुण कुमार सिंह (महासभा, असम राज्य समिति) दिल्स लक्ष्मीचंद्र सिंह, (साहित्य परिषद, असम)
विजय कुमार सिंह (संस्कृति परिषद, असम) सभी विशिष्ट जनों का गरिमामय स्वागत एवं सम्मान के साथ अभिनंदन किया गया। इसके पश्चात अधिवेशन के अगले चरण में संचालन समिति का गठन किया गया। फिर लगभग 11 बजे महासभा के सचिव नीलमणि सिंह ने वर्षभर की गतिविधियों, चुनौतियों और आगामी कार्ययोजना से संबंधित संपादकीय रिपोर्ट प्रस्तुत की। 24 मई को पूरे दिन भर सामाजिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक मुद्दों पर संवाद और विचार-विमर्श चला। समाज के विभिन्न वर्गों से आए विद्वान, शिक्षाविद, सांस्कृतिक कार्यकर्ता और युवा प्रतिनिधियों ने इसमें भाग लिया। अधिवेशन के दूसरे दिन, 25 मई को एक खुली बैठक के दौरान नई राज्य समिति की औपचारिक घोषणा की गई: असम राज्य अध्यक्ष: तरुण सिन्हा, साहित्य परिषद असम राज्य अध्यक्ष: दिल्स लक्ष्मींद्र सिंह, महासचिव: शिवेन्दु सिंह, (अन्य उपाध्यक्ष एवं कार्यकारी सदस्य के नाम बाद में घोषित किए जाएंगे। इसी दिन, 25 मई की सार्वजनिक सभा में केंद्रीय समिति के सचिव देबाशीष सिंह ने एक भावनात्मक और अर्थपूर्ण भाषण दिया। उन्होंने कहा: विष्णुप्रिया मणिपुरी समाज भारत का एक ऐतिहासिक क्षत्रिय समुदाय है, जो दशकों से केवल इस कारण से पिछड़ रहा है क्योंकि उसे केंद्र की ओबीसी सूची में शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की सहमति होने के बावजूद, दिल्ली हाईकोर्ट में चल रही एक याचिका के चलते अब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। उन्होंने नवगठित राज्य समिति से अपील की कि वे इस जटिलता को दूर करने हेतु गंभीरता व प्राथमिकता से प्रयास करें।हम चाहते हैं कि हमारा युवा वर्ग सेना, केंद्र सरकार की नौकरियाँ, शिक्षा में आरक्षण और अन्य सुविधाओं से वंचित न रहे। देबाशीष सिंह ने यह आशा भी व्यक्त की कि आने वाले दिनों में असम में विष्णुप्रिया मणिपुरी भाषा को उच्च प्राथमिक स्तर की शिक्षा में शामिल करने की दिशा में ठोस पहल की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह प्रयास भाषा और संस्कृति की रक्षा हेतु एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इस 15वें वार्षिक अधिवेशन ने विष्णुप्रिया मणिपुरी समाज के लिए एक नए युग का आरंभ किया है। भाषा, संस्कृति, संवैधानिक अधिकार और विकास की दिशा में संगठन की प्रतिबद्धता नई ऊर्जा के साथ सामने आई है। नव-निर्वाचित राज्य समिति के नेतृत्व में समाज को उसके अधिकारों और मान्यता की दिशा में एक संगठित और प्रभावशाली लड़ाई की उम्मीद है।

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