सिंगरौली

एनसीएल जयंत परियोजना में कांटा नंबर-9 बना भ्रष्टाचार का अड्डा, बाबू व डिस्पैच इंचार्ज पर लगे आरोप 

बैरियर पर गाड़ियों से की जाती है ₹500 की अवैध वसूली का आरोप, ब्लैकलिस्ट की धमकियों से डरे ट्रांसपोर्टर

नेशनल प्रेस टाइम्स,ब्यूरो।

सिंगरौली। सिंगरौली जिले की मिनी रत्न कंपनी एनसीएल (नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) की जयंत परियोजना एक बार फिर विवादों में घिरती नजर आ रही है। परियोजना के अंतर्गत आने वाले DO कांटा नंबर-9 पर ट्रक ऑपरेटरों ,और मालिकों ने डिस्पैच अधिकारियों की मनमानी और लापरवाही के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पिछले दो दिनों से उनकी गाड़ियां बिना वैध दस्तावेजों के कांटा में खड़ी हैं, जिससे उनका आर्थिक नुकसान हो रहा है। ट्रांसपोर्टरो ने आरोप लगाया कि उन्हें 24 घंटे पुराना टीपी (ट्रांजिट पास) दिया जा रहा है, जो वैध नहीं है। यदि इस टीपी के आधार पर गाड़ी पकड़ी जाती है तो ट्रक मालिकों को 50000 से ₹5 लाख तक का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। 

बैरियर पर अवैध वसूली के लगे आरोप 

इतना ही नहीं, बूम बैरियर पर ₹500 की अवैध वसूली का भी आरोप सामने आया है। ऑपरेटरों का कहना है कि बिना ₹500 दिए बिना उनकी गाड़ी अंदर नहीं होने दी जाती? और जो मना करता है उसकी गाड़ी खड़ी रहती है। कांटा बाबू और डिस्पैच अधिकारी मिलकर खेल रहे है खेल। बिजलेंस विभाग के नियमों के अनुसार, सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक कांटा संचालन अनिवार्य है, और जिस गाड़ी का वजन हो चुका है उसे तुरंत बाहर करना डिस्पैच अधिकारी और कांटा बाबू की जिम्मेदारी है। लेकिन हकीकत में जयंत परियोजना की डिस्पैच टीम इन नियमों की खुलेआम अनदेखी कर रही है। शिकायत करने पर अधिकारी फोन उठाने से बचते हैं और ब्लैकलिस्ट करने की धमकी तक दे डालते हैं। यह जयंत प्रबंधन और एनसीएल बिजलेंस प्रबंधन के लिए गंभीर चिंता का विषय बन चुका है, जिस पर ट्रासपोर्टरों ने तत्काल जांच और कार्रवाई की मांग की है।

इनका कहना है।

जब अवैध वसूली के सम्बन्ध में जयंत परियोजना के डिस्पैच अधिकारी नरेंद्र सिंह से बात की गयी तो पहले उन्होंने बताया ऐसा कुछ नहीं है सब सही चल रहा है फिर कॉल कट कर दिया गया उसके बाद पुनः कॉल करने पर कॉल रिसीव नहीं किया गया।

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