वर्षों से पदस्थ अधिकारी-कर्मचारी इन दिनों सत्ताधारी नेताओं के यहां लगा रहे चक्कर

तबादले को लेकर नेताओं के यहां कर रहे परिक्रमा, कई विभाग में वर्षों से पदस्थ है अमला
नेशनल प्रेस टाइम्स, ब्यूरो।
सिंगरौली। राज्य सरकार के द्वारा अधिकारियों एवं कर्मचारियों के तबादले के तिथि में संसोधित कर 10 जून तक बढ़ाये जाने के बाद जिले के साथ-साथ एक ही विकास खण्ड में तीन साल से अधिक समय से पदस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों की बेचैनी बढ़ गई है। उन्हें अब तबादले का डर सताने लगा है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार ने अधिकारी एवं कर्मचारियों के तबादले पर लगी रोक को 1 मई से 30 मई तक के लिए प्रतिबंध हटा दिया था। किंतु बाद में डॉ. मोहन यादव की सरकार ने 10 जून तक तबादला करने की तिथि को बढ़ा दिया है और साथ ही यह भी निर्देश है कि तीन साल से अधिक समय से एक ही जगह पदस्थ अधिकारी-कर्मचारियों को हटाया जाएगा। इस आदेश के बाद जिला मुख्यालय बैढ़न समेत देवसर, चितरंगी क्षेत्र में कई वर्षो से पदस्थ अधिकारियों-कर्मचारियों की इन दिनों चिंताएं बढ़ गई है। आलम यह है कि ऐसे अधिकारी-कर्मचारियों को पिछले महीने से कहीं न कहीं से संदेशा भी आ गया था कि अब यहां से जाने की बारी आ गई है। इस संदेश को पाते ही अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सांसे फूलने लगी है। यहां बताते चले कि सिंगरौली जिले में पहले कोई अधिकारी-कर्मचारी आना नही चाहते और यहां आने के बाद कुछ ऐसे अधिकारी-कर्मचारी हैं, जिनका सिंगरौली से मोहभंग नही होता है और यहां रहने के लिए एड़ीचोटी का जोर लगा देते हैं।
सूत्र बताते हैं कि महिला एवं बाल विकास विभाग से लेकर जिला अबाकारी विभाग, उप पंजीयक, भू-अधीक्षक अभिलेख, पुलिस , स्वास्थ, शिक्षा विभाग, पंचायत विभाग समेत राजस्व के अलावा अन्य ऐसे कई विभाग हैं। जहां अधिकारी-कर्मचारी काफी लम्बे अर्से से पदस्थ हैं और इस दौरान वे अपनी मनमर्जी चलाते हैं। जिसके आगे सफेद पोशधारी भी बेवस होते हैं। यहां तक कि लम्बे अर्से से पदस्थ कुछ अधिकारी रिश्वतखोरी एवं आर्थिक अनियमितता तथा सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं में राशि की बंदरबांट किये जाने को लेकर प्रदेश सरकार की जमकर किरकिरी करा रहे हैं और प्रदेश सरकार के साख पर भी बट्टा लगाने में कोई भी कोर कसर नही छोड़ रहे हैं। पूर्व में ऐसे अधिकारियों एवं कर्मचारियों की बीच-बीच में शिकायते होती रहती है। लेकिन इनकी लम्बी पहुंच एवं पैठ शिकायत पत्रों पर भारी पड़ जाती है। जिसके चलते अपनी मन मुताबिक सरकार की योजनाओं के कार्य का भी अंजाम देेते हैं। अब सत्ताधारी नेताओं ने भी ऐेसे अधिकारियों-कर्मचारियों को चिन्हित कर अपने बड़े नेताओं को भी अवगत करा दिये हैं। सूत्र बता रहे हैं कि अब संभवत: इसी सप्ताह अधिकारियों एवं कर्मचारियों की तबादला सूची जारी हो सकती है। इसको लेकर कतिथ अधिकारी व कर्मचारियों की दिल की धड़कने बढ़ रही हैं।
नेताओं के यहां परिक्रमा में जुटे अधिकारी-कर्मचारी
सूत्रों के मुताबिक तबादले की आहट सुनकर कई अधिकारी-कर्मचारी इन दिनों सत्ताधारी नेताओं के यहां परिक्रमा करने में लगे हुये हैं। जिले व विकास खण्ड से ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों का मोहभंग नही हो रहा है। जिसके चलते सत्ताधारी नेताओ के यहां परिक्रमा कर रहे हैं या फिर अपने सहयोगियो के माध्यम से नेताओं पर तरह-तरह के हत्थकण्डे अपनाते हुये दबाव भी अपना रहे हैं। उनकी मंशा है कि किसी भी हालत में तबादला ना हो। हालांकि इस बार कुछ बदला- बदला से माहौल नजर आ रहा है। इस सप्ताह में स्थितियां स्पष्ट हो जाएगी।