खैरथल

वंदे गंगा – जल संरक्षण जन अभियान

 प्रत्येक व्यक्ति से कि पांच पौधे लगाने की अपील 

नेशनल प्रेस टाइम्स, ब्यूरो।

खैरथल-तिजारा । निर्जला एकादशी के पावन अवसर पर बंबोरा बावड़ी पर  वंदे गंगा – जल संरक्षण जन अभियान द्वितीय दिन भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन के माध्यम से आमजन को जल संरक्षण, प्लास्टिक मुक्ति एवं पारंपरिक जल स्रोतों के पुनर्जीवन के लिए प्रेरित किया गया ।

कार्यक्रम की शुरुआत सरोवर जल पूजन से हुई। इसके पश्चात उपस्थित अतिथिगणों  ने सरोवर की पाल पर हरियालो राजस्थान अभियान के तहत पौधारोपण किया। तत्पश्चात विभिन्न गणमान्य अतिथियों ने जल, पर्यावरण और प्रकृति संरक्षण के महत्व पर विचार व्यक्त किए। 

जिला कलेक्टर किशोर कुमार ने कहा कि राजस्थान की संस्कृति सदैव जल संरक्षण की रही है। आज की पीढ़ी को पारंपरिक जल स्रोतों की रक्षा कर भविष्य के लिए उदाहरण प्रस्तुत करना होगा। उन्होंने आज हम पर्यावरण संरक्षण को अपनी जिम्मेदारी समझेंगे, तभी आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि जल पृथ्वी पर सीमित मात्रा में है जिसका हमें सदुपयोग कर भूजल स्तर को बढ़ाने हेतु जल संरक्षण के विभिन्न उपाय करने चाहिए। इस अवसर पर 111 तुलसी पौधे वितरित किए गए और जल संकल्प शपथ दिलवाई गई। कार्यक्रम के दौरान कलश यात्रा एवं जागरूकता रैली को उपस्थित जनप्रतिनिधियों द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।

बंबोरा बावड़ी: परंपरा और संरक्षण का सुंदर संगम बंबोरा गांव स्थित ऐतिहासिक बावड़ी, जिसका निर्माण मदनलाल गुप्ता के पूर्वज सुंढाराम द्वारा करवाया गया था, आज भी जल संरक्षण का एक प्रेरणादायक उदाहरण बनी हुई है। यह बावड़ी न केवल ग्रामीणों के लिए टहलने और शांति से समय बिताने का स्थान है, बल्कि जल-संरक्षण की परंपरा को जीवित रखने का प्रतीक भी है।

नंगली ओझा: चारागाह भूमि पर हरियाली से हरित अर्थव्यवस्था की ओर नंगली ओझा गांव में चारागाह विकास कार्य के अंतर्गत लगभग 22 बीघा भूमि पर 2500 पौधे लगाए गए। आधुनिक तकनीक से सुसज्जित यह क्षेत्र अब पर्यावरणीय संवर्धन के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त कर रहा है।पिछले वर्ष इस विकास कार्य से ₹80,000 की आय हुई, जिसे ग्रामीणों ने सरकार के खाते में जमा कराया। भविष्य की योजना के तहत, इस परियोजना से प्रति वर्ष लगभग ₹10 लाख की आय होने की संभावना है, जो ग्रामीणों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि होगी।

यह परियोजनाएं सिर्फ हरियाली बढ़ाने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह ग्रामीण विकास, आजीविका संवर्धन और सामुदायिक भागीदारी की मिसाल बन रही हैं। “हरियालो राजस्थान” जैसे अभियानों के माध्यम से न केवल जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का समाधान खोजा जा रहा है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और समृद्ध भविष्य का मार्ग भी प्रशस्त किया जा रहा है।

इस अवसर पर उपखंड अधिकारी किशनगढ़ बास मनीष कुमार जाटव, भाजपा जिला अध्यक्ष महासिंह चौधरी, भाजपा मंडल अध्यक्ष मनोज मित्तल, सतीश सिंघल, व्यापार महासंघ अध्यक्ष परमानंद लख्यानी सहित जनप्रतिनिधि एवं आमजन उपस्थित रहे।

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