सरकार डॉक्टरों और मरीजों को पूरी सुरक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है- डॉ इरफान अंसारी

नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो,
हजारीबाग (झा०खं०), शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्यकर्मियों के साथ बदसलूकी और मरीजों को डरा-धमकाकर निजी अस्पताल भेजने की घटनाओं पर झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने इस गंभीर मामले को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर प्रतिक्रिया देते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। आपको बता दें कि शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल हजारीबाग की अव्यवस्था को लेकर एक बार फिर सवाल उठ रहा है। चलकुशा प्रखंड की एक गर्भवती महिला को प्रसव के लिए अस्पताल लाया गया, लेकिन प्रसव कक्ष का दरवाजा नहीं खोले जाने की घटना ने पूरे जिले को शर्मसार कर दिया। महिला को अंततः निजी अस्पताल में ले जाकर सामान्य प्रसव कराना पड़ा। इसे लेकर भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने इस अमानवीय घटना के लिए शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन, चिकित्सकों और नर्सों की संवेदनहीनता पर नाराजगी जतायी और इसे मानवता के खिलाफ बताया। घटना को उपायुक्त शशि प्रकाश सिंह ने भी दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए जांच के आदेश दिये हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने अपनी पोस्ट में कहा, “शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज में हुई घटनाएं हमारे संज्ञान में हैं। सरकार डॉक्टरों और मरीजों को पूरी सुरक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है।”
अस्पताल की छवि खराब करने की साजिश!
स्वास्थ्य मंत्री ने आरोप लगाया कि कुछ असामाजिक तत्व सरकारी अस्पताल में इलाज कराने आए मरीजों को डराकर, धमकाकर निजी अस्पताल भेजने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह कृत्य स्वास्थ्य विभाग और राज्य सरकार की छवि को धूमिल करने का षड्यंत्र है, जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।कड़ी कार्रवाई के निर्देश
मंत्री अंसारी ने हजारीबाग के उपायुक्त (@DC_Hazaribag) और पुलिस प्रशासन (@HazaribagPolice) को टैग करते हुए लिखा,
“ऐसे असामाजिक तत्वों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करें। अस्पताल परिसर सहित डॉक्टरों व कर्मचारियों की सुरक्षा का पूर्ण ख्याल रखा जाए, ताकि इलाजरत मरीजों और स्वास्थ्यकर्मियों को किसी प्रकार की असुरक्षा या भय महसूस न हो।”
सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर
डॉ. अंसारी ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं और सकारात्मक माहौल देने के लिए पूरी तरह संकल्पित है। ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे जो चिकित्सा सेवाओं में बाधा डालते हैं या मरीजों के जीवन से खिलवाड़ करते हैं।