बच्चों से भरवाया गया पानी, कक्षा में खेलते दिखे छात्र, शिक्षक नदारद

राजकुमार मंडल
नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो, जामताड़ा (झा०खं०), नारायणपुर प्रखण्ड अन्तर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय इरकिया में व्याप्त शैक्षणिक और प्रशासनिक लापरवाही की पोल उस वक्त खुल गई, जब न्यूज़ टीम सोमवार सुबह करीब 8:30 बजे मौके पर पहुंची, स्कूल परिसर का दृश्य चौंकाने वाला था। कक्षा के भीतर छात्र ‘गोटिया’ खेलते नजर आए, वहीं छोटे-छोटे बच्चों से बाल्टी में पानी भरवाया जा रहा था। जब न्यूज़ टीम ने विद्यालय के प्रधानाध्यापक से पूछा कि स्कूल कितने बजे खुलता है, तो उन्होंने कहा कि सुबह 7:00 बजे। लेकिन 8:30 बजे तक न कोई शिक्षक मौजूद था, न शिक्षण की कोई गतिविधि चल रही थी। स्थिति यह थी कि छात्रों की देख-रेख करने वाला तक कोई नहीं था। अंततः 9:00 बजे न्यूज़ टीम ने खुद पीरियड शुरू करवाया, उसके बाद शिक्षक स्कूल में आते दिखे। जब इस लापरवाही को लेकर प्रधानाध्यापक से सवाल किया गया, तो उन्होंने सारी बातों को झुठलाते हुए कहा कि आज ही ऐसा हुआ है, अन्य दिनों में कभी देरी नहीं होती। लेकिन बच्चों और अभिभावकों ने इस दावे को पूरी तरह गलत बताया। लापरवाही की लंबी फेहरिस्त, शिक्षक केवल उपस्थिति दर्ज कर निकल जाते हैं, मध्यान्ह भोजन में भारी अनियमितता- हर दिन सिर्फ खिचड़ी, मेन्यू बोर्ड सिर्फ दिखावे के लिए, शौचालय होने के बावजूद छात्र खेतों में जाते हैं, बिजली, पंखा की कोई समुचित व्यवस्था नहीं, बाहरी रंग-रोगन से दिखावा, अंदर भवन पूरी तरह जर्जर, छात्राओं की सुरक्षा पर कोई ध्यान नहीं, गर्मी में बेहाल पढ़ाई। निष्कर्ष: जहां एक ओर सरकार शिक्षा को लेकर विज्ञापन और दावों में करोड़ों खर्च कर रही है, वही ज़मीनी सच्चाई इरकिया जैसे गांवों में शिक्षा की दुर्दशा को उजागर करती है। अब सवाल यह है कि क्या शिक्षा विभाग इस लापरवाही पर कार्रवाई करेगा, या यह मामला भी बाकी फाइलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जायेगा?