बालाघाट
सारी प्रशासनिक प्रक्रिया को पूर्ण कर संचालित हो रही नरहरि सीड्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी विगत 3 वर्षों से संचालित हो रही कंपनी के सारे बीच के सैंपल हुए पास
धान बीज की मिसब्रांडिंग के संदेह पर नरहरि सीड्स कंपनी को सील करना न्याय संगत नहीं

नेशनल प्रेस टाइम्स,ब्यूरो
बालाघाट : – पूरे मध्य प्रदेश में बालाघाट जिले को धान के कटोरे के रूप में जाना जाता है। इस जिले के किसान मुख्य फसल के रूप में धान का उत्पादन करते हैं। जिसके चलते भारी मात्रा में इस जिले में धान बीज का क्रय- विक्रय किया जाता है। किसानों को अच्छा बीज उपलब्ध कराने के लिए कृषि विभाग एवं जिला प्रशासन हमेशा सशक्त रहता है।
जिसके चलते प्रतिवर्ष कई छापे मार करवाई भी की जाती है।
हर युवा उद्यमी को चोर की नजर से ना देखा जाए
भारी मात्रा में धान उत्पादक जिला होने के बावजूद बालाघाट जिले का किसान एवं धान बीज व्यापारी दूसरे राज्यों के धान बीजों पर निर्भर है। इसका प्रमुख करण स्थानीय क्षेत्र में पैक हुए धान बीज एवं स्थानी कंपनी को लोकल समझना एवं नजर से दूर शील पैक हुए धान बीज के पैकेट एवं दूर राज्यों एवं बड़े शहरों की कंपनियों से आये धान बीज को ब्रांडेड समझना है । इनके धान बीजों के पैकेटों पर छोटे किसानों से लेकर बड़े किसान तक और धान बीज व्यापारियों से लेकर अधिकारियों तक आंख मूंद कर विश्वास करना एक बड़ा कारण है।
बालाघाट जिला धान बीज के क्रय विक्रय का बड़ा केंद्र होने के बावजूद भी यंहा के युवा उद्यमी धान बीज के क्षेत्रों में सफल नहीं हो पाते इसका प्रमुख कारण शासन की ओर से युवा उद्यमियों को आगे बढ़ाने के लिए तो हर संभव कोशिश की जाती है किंतु इन युवा उद्यमियों को कुछ स्थानीय अधिकारियों द्वारा जांच के नाम पर मानसिक रूप से परेशान किया जाता है। जिसके चलते बालाघाट जिला धान उत्पादक के क्षेत्र मे तो कई कीर्तिमान रचा है किंतु बीज उत्पादन में आज भी पीछे है।
यदि बालाघाट जिले में धान उत्पादन के साथ-साथ धान बीज का उत्पादन किया जाए तो यहां के युवाओं को अच्छा रोजगार एवं बीज उत्पादक किसानों को अच्छा मुनाफा प्राप्त होगा। साथ ही बीज का परिवहन लागत कम होने से जिले के किसानों को कम दामों में बीज उपलब्ध हो पाएगा।
विगत 3 वर्षों से संचालित हो रही नरहरि सीड्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी
जिले के किसानों को एवं युवाओं को रोजगार देने के मकसद से बालाघाट जिले में नरहरि सीड्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की शुरुआत जिले के ही कुछ युवा उद्यमियों ने शुरू की थी, जो निरंतर 3 वर्षों से कृषि विभाग को पूरे विश्वास में लेकर सारी प्रशासनिक प्रक्रिया पूर्ण कर जिले के किसानों को अच्छा बीज उपलब्ध करा रहे है। जिससे यहां के किसानों को अच्छी फसल प्राप्त हो रही है एवं नरहरि सीड्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के धान बीज की गुणवत्ता को लेकर किसी भी किसान की शिकायत विभाग तक नहीं पहुंची है। जिससे साफ स्पष्ट है कि इनके द्वारा विक्रय कि गयी बीज की गुणवत्ता सही है।
कृषि उपसंचालक बोले धान बीज की मिस ब्रांडिंग का आरोप गलत है
सोमवार को कृषि उपसंचालक राजेश खोबरागड़े ने चर्चा के दौरान बताया कि कंपनी में धान बीज की मिसब्रांडिंग का आरोप गलत है।
कंपनी को दिसंबर 2022 में बीज व्यापारी का लाइसेंस ( संख्या आर एस/457/1403/329/2022) जारी किया गया था।
यह लाइसेंस बीज नियंत्रण आदेश 1983 के तहत दिया गया है। कंपनी के निदेशक भुमेंश्वर पटले को बीजों की बिक्री, निर्यात ,आयात, ई मार्केटिंग और भंडारण का अधिकार है । श्री खोबरागड़े जी ने बताया कि समय-समय पर उनके द्वारा विक्रय किए जाने वाले बीजों का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है, अभी तक इनके सभी धान बीज का सैंपल तय मानक के अनुरूप मिले हैं।
बालाघाट जिले के किसानों को अच्छा बीज प्राप्त हो जिसके लिए हम निरंतर प्रयास करते हैं।
इस कंपनी की बलराज किस्म बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अच्छा उत्पादन देती है, इससे पहले कंपनी जिले के शासकीय कृषि परिक्षेत्र और डूंगरिया स्थित कॉपरेटिव के ग्रेडिंग प्लांट में धान की ग्रेडिंग कर चुकी है। इनके द्वारा विक्रय किए गए बीज में अभी तक किसी भी प्रकार की शिकायत किसानों से नहीं मिली है।
