मुरादाबाद

गंदगी और केमिकल के जहर से गांगन नदी खो रही अस्तित्व

नेशनल प्रेस टाइम्स, ब्यूरो
मुरादाबाद। दिल्ली रोड पर बहने वाली गांगन नदी कभी पवित्रता और आस्था का प्रतीक हुआ करती थी, लेकिन आज यह नदी प्रदूषण और गंदगी की चपेट में आकर अपना अस्तित्व खोने के कगार पर पहुंच गई है। इस नदी में घरों की नालियों, पूजा सामग्री और आसपास की फैक्ट्रियों से निकलने वाला केमिकल युक्त पानी लगातार छोड़ा जा रहा है। इसकी वजह से नदी का पानी काला पड़ गया है और उसमें कीचड़ और बदबू का अंबार लगा हुआ है।
नदी में छोड़ा जाता है केमिकल युक्त पानी 
स्थानीय लोगो ने बताया कि कई बार पार्षद और अधिकारियों से शिकायतें की गईं लेकिन हर बार आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। पूजा-पाठ की सामग्री, प्लास्टिक, कपड़े और नालियों का गंदा पानी सब इसी नदी में बहा दिया जाता है। हालात इतने खराब हैं कि नदी का पानी अब नहाना तो दूर छूने लायक भी नहीं बचा है। गागन नदी के आसपास कई एक्सपोर्ट यूनिट हैं। वहां से निकलने वाला केमिकल युक्त पानी सीधे नदी में छोड़ा जाता है। नतीजा ये हुआ कि नदी में रहने वाली मछलियां मर गईं और जल का प्राकृतिक जीवन समाप्त हो गया। गागन नदी अब प्रदूषण का जहर पी रही है।
आस्था के नाम पर मजबूरी
बावजूद इसके लोग आज भी यहां अपने बच्चों का मुंडन कराते हैं और धार्मिक रीति-रिवाज निभाते हैं। आस्था इतनी गहरी है कि गंदगी और बदबू के बीच भी लोग नदी में डुबकी लगाते हैं। लेकिन यह डुबकी अब श्रद्धा से ज्यादा मजबूरी बन चुकी है।
प्रशासन की चुप्पी भविष्य पर खतरा
नदी की बिगड़ती हालत पर प्रशासन का रवैया चौंकाने वाला है। न कोई योजना है, न कोई सफाई अभियान। नतीजा ये है कि गागन नदी धीरे-धीरे खत्म हो रही है। अगर यही हाल रहा तो आने वाले वर्षों में यह नदी सिर्फ नक्शे और यादों में ही रह जाएगी। गागन नदी को बचाना सिर्फ प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक की भी है। जरुरी है कि फैक्ट्रीयों पर कार्रवाई हो नालों की दिशा बदली जाए और लोगों को जागरूक किया जाए अगर अभी भी कदम नहीं उठाए गए तो एक और नदी हमारी लापरवाही की भेंट चढ़ जायेगा।
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