बसंतराय के बिसुवा मेला में चित्रहार का चलना ही आस्थाओं पर कुठाराघात, अश्लील गाने पर अश्लील प्रदर्शन से क्षेत्र में उठ रहा कई सवाल

एनपीटी गोड्डा ब्यूरो
बसंतराय (गोड्डा) : बसंतराय के ऐतिहासिक तालाब के पास बिसुवा मेला का आयोजन हो रहा है। यह मेला पूरी तरह से पौराणिक पद्धति पर श्रद्धालुओं के श्रद्धा का केंद्र रहा है। इस वर्ष भी विशवा मेला में सफाहोड़ समुदाय के हजारों लोगों द्वारा आस्था के साथ ऐतिहासिक तालाब में डुबकी लगाकर पारंपरिक तरीके से पूजा अर्चना का दौर चल रहा है। लेकिन ठीक इसके विपरीत विशवा मेला चित्रहार का चलना ही आस्थाओं पर कुठाराघात कर गया है। साधारण मेले की तरह यहां पर चित्रहार लगाकर अश्लील गानों में अश्लील प्रदर्शन हो रहा है। जब इस मामले को सोशल मीडिया के मोबाइल कैमरा में कैद किया जाने के बाद पूरी तरह से वायरल हो गया। तब इस चित्रहार में अश्लील परोसे जाने पर केवल क्षेत्र ही नहीं बल्कि जिला मुख्यालय के लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इतना ही नहीं लड़कियों के अश्लील नृत्य जो देखने लायक नहीं है वह भी वायरल होने से क्षेत्र के लोगों में हताशा माहौल व्याप्त हो गया है। इतने मामले को हाइलाइट होने के बावजूद भी प्रशासन मौनव्रत है। उल्लेखनीय है कि बीते 14 अप्रैल को विशुआ मेला का शुभारंभ हुआ था। काफी बड़े-बड़े लोग इस मेला का शुभारंभ करने के लिए पहुंचे थे। मगर इस तरह के चित्रहार के अश्लीलता परोसे जाने के बाद कई सवालों का उठना भी लाजमी है। बताते चलें कि इस मेले में भारी संख्या में महिलाएं पहुंचती है। श्रद्धा और आस्था का समंदर लिए अपने-अपने स्तर से आस्था की डुबकी लगाती है। चित्रहार के मामले को लेकर उन महिलाओं की ओर से भी कड़ा विरोध जताया गया है। क्षेत्र के बुद्धिजीवी कहते हैं कि जिस विशवा मेला को राजकीय दर्ज दिलाए जाने की कवायद हो रही है, उस मेले में चित्रहार और उसमें अश्लीलता परोसा जाना कहीं से भी न्यायोचित नहीं है। ऐसे मामलों में प्रशासन को बेहतर कदम उठाते हुए उचित कार्रवाई करने के दिशा में कार्य करना चाहिए।