पाकुड़

बगैर आदिवासी धर्म कोड/ सरना कोड के जातिगत जनगणना कराने के खिलाफ झामुमो का जोरदार विरोध प्रदर्शन

नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो,

पाकुड़ (झा०खं०), केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा बिना सरना कोड/आदिवासी धर्म कोड लागू किये जातिगत जनगणना कराने के लिए लिये गये निर्णय के विरोध में आज जिला मुख्यालय में आयोजित एकदिवसीय विशाल धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में झामुमो जिलाध्यक्ष एजाजुल ईस्लाम जी के नेतृत्व में हजारों की संख्या में महिला व पुरूष कार्यकर्ता शामिल हुए। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि महेशपुर विधायक प्रो० स्टीफन मरांडी व लिट्टीपाड़ा विधायक हेमलाल मुर्मू, झामुमो युवा नेत्री सह- केन्द्रीय समिति सदस्य उपासना मरांडी उर्फ पिंकी ने अपनी भी भागीदारी सुनिश्चित किया। इस विशाल धरना प्रदर्शन कार्यक्रम के पुर्व झामुमो कार्यकर्त्ताओं द्वारा सिदो कान्हू पार्क के समीप से गोकुलपुर स्थित इंडियन ऑयल पेट्रोल पंप तक पैदल मार्च करते हुए विरोध जताया गया। इस दौरान झामुमो कार्यकर्ताओं ने केन्द्र की भाजपा सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी करते हुए सरना कोड/आदिवासी धर्म कोड की मांग की। इस विशाल धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में हजारों की संख्या में उपस्थित आदिवासी महिला व पुरुष कार्यकर्ताओ को सम्बोधित करते हुए महेशपुर विधायक प्रो० स्टीफन मरांडी ने कहा कि हमारी पार्टी का इतिहास आन्दोलन भरा रहा है, हमारी पार्टी और हमारे नेता मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की सरकार ने सरना कोड/आदिवासी कोड विधेयक को विधानसभा से पारित कर राज्यपाल के माध्यम से केन्द्र सरकार को अनुमोदन के लिए भेजा, परन्तु केन्द्र की भाजपा सरकार के कानों में जूं तक नही रेंगी। लेकिन हम सब भी डरने व झुकने वाले नही है। जब तक आदिवासियों के लिए अलग धर्म कोड नही मिलता है , तब तक राज्य में जातिगत जनगणना नही होने दिया जायेगा। वही् लिट्टीपाड़ा विधायक हेमलाल मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि भाजपा को आदिवासियों के हितों से कोई सरोकार नहीं है, बीजेपी सिर्फ राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस मुद्दे को उछाल रही है। सरना धर्म कोड आदिवासी अस्मिता और सांस्कृतिक पहचान का सवाल है, जिसे लेकर झामुमो शुरू से गंभीर रहा है। भाजपा ने हमेशा आदिवासियों की मांगों को दरकिनार किया और उनके अधिकारों को कुचलने का प्रयास किया है। लेकिन झामुमो इसबार आर पार की लड़ाई लड़ेगी और अपना अधिकार लेकर रहेगी। वही जिलाध्यक्ष एजाजुल ईस्लाम ने अपने सम्बोधन में कहा कि भाजपा की सरकार ने न तो 2014 से पहले और न ही बाद में कभी ईमानदारी से सरना धर्म कोड के समर्थन में कोई पहल की। उल्टे उनकी सरकारों ने “वनाधिकार कानून” और “स्थानीय नीति” जैसे महत्वपूर्ण मसलों पर आदिवासियों के खिलाफ कार्य किया है। सरना धर्म कोड की मांग कोई नई नहीं है, बल्कि यह वर्षों पुरानी सामाजिक मांग है, जिसे भाजपा अब राजनीति का मुद्दा बना रही है। भाजपा को जवाब देना चाहिए कि उनकी सरकार ने इतने वर्षों में इस कोड को लागू क्यों नहीं किया। केंद्र में 10 साल से ज्यादा समय तक सत्ता में रहते हुए भी भाजपा ने इस मुद्दे पर चुप्पी साधे रखी। हम आदिवासी धर्म कोड/सरना कोड लेकर रहेंगे अन्यथा राज्य में जातिगत जनगणना नही होने देंगे। वही जिला उपाध्यक्ष हाजी समद अली, जिला उपाध्यक्ष हरिवंश चौबे, जिला सचिव माईकिल मुर्मू, पूर्व जिलाध्यक्ष सह केंद्रीय सदस्य श्याम यादव, पुर्व युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष सह केंद्रीय सदस्य सुनील टुडू, केंद्रीय सदस्य उपासना मरांडी, जिला उपाध्यक्ष पीटर मरांडी ने अपने अपने संबोधन कहा कि केन्द्र में बैठी भाजपा सरकार जब तक सरना/आदिवासी कोड की मांग पूरी नही करती है पार्टी द्वारा राज्य में जातिगत जनगणना नही करने दिया जाएगा। धरना प्रदर्शन के दौरान आदिवासी धर्म कोड/ सरना धर्म कोड लागू किये बिना जातिगत जनगणना कराने के खिलाफ झामुमो प्रतिनिधि मंडल ने उपायुक्त को ज्ञापन भी सौंपा। मौके पर जिला कोषाध्यक्ष बाबुधन मुर्मू, केंद्रीय सदस्य प्रतिमा पाण्डे, केंद्रीय सदस्य निशा शबनम हांसदा, केंद्रीय सदस्य पिंकु शेख, केंद्रीय सदस्य उमर फारूक, केंद्रीय सदस्य पोलिना मुर्मू, पूर्व महिला जिलाध्यक्ष जोसेफिना हेम्ब्रम, पुर्व महिला जिला सचिव सुशीला देवी, जिला संगठन सचिव तरुण मंडल, जिला संगठन सचिव मुस्लेउद्दीन अंसारी, जिला सह सचिव अनरुद्दीन मियां, जिला सह सचिव लाल मोहम्मद अंसारी, पुर्व जिला सचिव सुलेमान बास्की, जिला कार्यालय सचिव मिथिलेश घोष, नगर अध्यक्ष मुकेश सिंह, नगर उपाध्यक्ष रियाज अंसारी, नगर सचिव नूर आलम, नगर कोषाध्यक्ष पिन्टु गुप्ता, पाकुड़ प्रखंड अध्यक्ष मुस्लेउद्दीन शेख, उपाध्यक्ष अजफारुल शेख, सचिव राजेश सरकार, कोषाध्यक्ष पतरास मरांडी, हिरणपुर प्रखंड अध्यक्ष इसहाक अंसारी, उपाध्यक्ष विकास रविदास, सचिव सरकार टुडू, कोषाध्यक्ष इमदादुल अंसारी, लिट्टीपाड़ा प्रखंड उपाध्यक्ष रंजन साहा, सचिव जावेद आलम, कोषाध्यक्ष जलपा हांसदा, अमड़ापाड़ा प्रखंड अध्यक्ष श्यामलाल हांसदा, सचिव जहीरुद्दीन मियां, कोषाध्यक्ष संजीत भगत, पाकुड़िया प्रखंड अध्यक्ष अध्यक्ष मोतीलाल हांसदा, उपाध्यक्ष निवारण मरांडी, उपाध्यक्ष मंजर आलम, सचिव मैनुद्दीन अंसारी, कोषाध्यक्ष कालिदास टुडू, महेशपुर प्रखंड अध्यक्ष अब्दुल उदूद, सचिव जेम्स सुशील हेम्ब्रम, कोषाध्यक्ष सुनील साहा, जिला मीडिया प्रभारी मनोज चौबे, जिला मीडिया प्रभारी आफताब आलम, अब्दुल गनी, हबीबुर्रहमान, मंटू भगत, प्रकाश सिंह, थॉमस मुर्मू, अब्दुल रहीम अंसारी, गुलाम अंसारी, कालीदास मुर्मू, ईमरान अंसारी, कोर्नेलियुस हेम्ब्रम, चारलेश मरांडी, अशोक हेम्ब्रम, प्रधान सोरेन, आदित्य तिवारी, राजू सिंह, महेश हांसदा, सामुएल मुर्मू, दिलीप मरांडी, पाना मुर्मू, सोनमुनी सोरेन, बीटी किस्कु, होपोन किस्कू, शीला हेम्ब्रम, बैजंती देवी, मरांगबिटी मरांडी, जानिसार अख्तर, मोबारक हुसैन, जहूर आलम, तनवीर आलम, अली हुसैन अंसारी, संतोष भगत, तनवीर अली, मोसर्रफ होसैन, एनामुल हक, अखलाकुर अंसारी, रंजीत पंडित, मो० असद, गाजी सलाउद्दीन, रोहन हेम्ब्रम, मथियास हेम्बरम, सोनाराम सोरेन, मकलु सोरेन, संजीत हेम्बरम सहित हजारों की संख्या में महिला व पुरुष कार्यकर्ता व समर्थक मौजूद थे।

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