बूंदी

पीएम सूर्य घर योजना के तहत सोलर पैनल की स्थापना के लिए आमजन को प्रेरित – जिला कलेक्टर

एनपीटी बूंदी ब्यरो

बूंदी, 31 जनवरी। जिला कलेक्टर अक्षय गोदारा की अध्यक्षता में शुक्रवार को हिंडोली पंचायत समिति के सभागार में ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक हुई। बैठक में जिला कलेक्टर ने उपखण्ड क्षेत्र में पेयजल व्यवस्था, विद्युत आपूर्ति, निर्माण कार्यों की प्रगति जानी और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
                 बैठक में जिला कलेक्टर ने निर्देश दिए कि आमजन को निर्बाध बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए । उन्होंने निर्देश दिए कि पीएम सूर्य घर योजना के तहत सोलर पैनल की स्थापना के लिए शिविर लगाकर अधिकाधिक आवेदन प्राप्त किए जाए। साथ ही गांवों में राजकीय सेवा में कार्यरत कार्मिकों को भी उनके घरों पर सोलर पैनल लगवाने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि पेयजल और शौचालय की सुविधा से वंचित राजकीय विद्यालयों, सीएचसी व पीएचसी में प्राथमिकता से इन सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जावे।
                उन्होंने निर्देश दिए कि सीईओ जल जल मिशन के तहत बडानयागाव, गुढा, काछोला, खेरखटा, मांगली, मेंडी, नेगढ, ओवण, पगारा, पेच की बावडी, विजयगढ़ के जनप्रतिनिधियों से समझाइश कर स्वीकृत कार्यों का शुरू करवाया जाए। अधिकारी क्षेत्र में संचालित जल जीवन मिशन के तहत दौरान रोड कटिंग के बाद सड़क मरम्मत के कार्य गुणवत्ता के साथ करवाया जाना सुनिश्चित करें।
                उन्होंने कहा कि ब्लॉक स्तरीय अधिकारी अपने क्षेत्र में आपदा प्रबंधन के तहत हुए कार्यों के बिल शीघ्र भिजवाए ताकि जल्द से जल्द उनका भुगतान किया जा सके। हिंडोली में बनाए जा रहे खेल मैदान के संबंध में खेल अधिकारी व सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारी कार्यों की गुणवत्ता के लिए निर्धारित मापदंडों का सत्यापन कराना सुनिश्चित करें।
                उन्होंने निर्देश दिए कि आंगनबाड़ी, सीएचसी, स्‍कूलों में एसडीआरएफ तथा अन्य निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की मॉनिटरिंग संबंधित उपखंड अधिकारियों द्वारा की जाए। साथ बिल भुगतान हेतु प्रस्तुत करते समय संबंधित संस्थान के प्रभारी के हस्ताक्षर कर भिजवाए जाएं।  उन्होंने निर्देश दिए कि बडे विद्यालय जहां अतिरिक्त शौचालय की जरूरत है, उसकी मांग भिजवाई जाए। साथ ही आयुर्वेद भवन, ग्राम पंचायत भवन, आंगन बाडी, चिकित्‍सा संस्‍थान  शौचालय से वंचित नहीं रहे।  इसके लिए विकास अधिकारी और संबंधित अधिकारी बैठक लेकर इसकी मॉनिटरिंग करें।
                  उन्होंने निर्देश दिए कि गैर खातेदारी से खातेदारी अधिकार के प्रकरणों का निस्तारण करें और राजस्व वसूली के कार्य को भी गति प्रदान की जावे। शमशान व कब्रिस्तान के प्रस्ताव बनवा कर भिजवाए। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी राजकार्य राजकाज सॉफ्टवेयर पर ही संपादित हो, इसकी पूर्ण सुनिश्चितता की जावे। इसके अलावा राजस्थान संपर्क पोर्टल पर दर्ज प्रकरणों का निर्धारित समयावधि में निस्तारण भी किया जावे।
                  उन्होंने निर्देश दिए कि आगामी 5 फरवरी से गांवों में फार्मर रजिस्‍ट्री शिविर का आयोजन किया जाएगा। इनमें मंगला पशु बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, पशु टीकाकरण, पशु चिकित्सा उपचार, आदि कार्य होंगे, इसके लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली जाए। व्यक्तिगत लाभ की योजनाओं में प्रति ग्राम पंचायत कम से कम 50 कार्य स्वीकृत जाएं।
                   जिला कलेक्टर ने निर्देश दिए कि  आगामी ग्रीष्म ऋतु के दृष्टिगत पेयजल संबंधी व्यवस्थाओं के लिए अभी से तैयारी शुरू कर दें। साथ ही टैंकरों से सप्लाई किए जाने वाले पानी की गुणवत्ता सही रहे, यह भी अभी से सुनिश्चित कर लिया जाए।
                  उन्होंने कहा कि कोई भी गांव श्मशान से वंचित नहीं रहे। साथ ही कचरा संग्रहण केन्द्र के लिए भूमि आवंटन के प्रस्ताव भिजवाएं। भूमि अवाप्ति के प्रकरणों के निस्तारण में प्रगति लाई जाए।  कृषि उपज मंडी में फसल खरीद की सभी तैयारियों रखें। आगामी दिनों में अटल सेवा केंद्रों पर आयोजित किए जाने वाले शिविर को लेकर चिकित्सा विभाग, विद्युत विभाग, जिला परिषद , पशुपालन द्वारा तैयारी रखी जाए। साथ ही इन शिविरों में संबंधित विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति भी सुनिश्चित की जाए।
                    बैठक के दौरान जिला कलेक्टर ने निर्देश दिए कि मुख्‍यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की मंशानुरूप मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना में अधिकाधिक आवेदन लिए जाएं, ताकि जरूरतमंद को इसका लाभ मिल सके और पशुपालकों को आर्थिक सम्बल मिल सके।
उन्होंने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि बूंदी व हिंडोली में हेलीपैड के लिए भूमि आवंटन के प्रस्ताव भिजवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि फसल कटाई के बाद पत्थर गढी के प्रकरणों के निस्तारण के लिए सभी तैयारी रखें, ताकि प्रकरणों का निस्‍तारण करवाया जा सके। इस दौरान मिनी सचिवालय, रामसागर झील, ओपन जिम, पी एम आवास योजना, बजट घोषणा आदि कार्यों की समीक्षा कर दिशा निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत अधिकाधिक सैम्पल लिए जाएं।  
             बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवि वर्मा, उपखण्ड अधिकारी हिण्डोली शिवराज मीणा, तहसीलदार कमलेश मीणा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ओपी सामर, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता इन्‍द्रजीत मीणा, नरेगा के अधिशाषी अभियंता प्रियव्रत सिंह, विकास अधिकारी पीयूष कुमार जैन, स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक निजामुद्दीन एवं सभी ब्लॉक स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।
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चारागाह ग्रामीणों की जीवन रेखा, विकास के लिए समितियां उठाए आवश्यक कदम-एसीईओ
शामलात की पुर्नस्थापना के लिए ग्रामीण समुदायों का एक दिवसीय क्षमतावर्धन कार्यक्रम हुआ आयोजित

बूंदी 31, जनवरी। ग्रामीण विकास विभाग के तहत संचालित महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत एफईएस व आईटीसी मिशन सुनहरा के संयुक्त तत्वावधान में बूंदी के नैनवां रोड़ स्थित निजी रिसॉर्ट में शुक्रवार को शामलात की पुर्नस्थापना के लिए ग्रामीण समुदायों का एक दिवसीय क्षमतावर्धन कार्यक्रम आयोजित किया गया।
          इस दौरान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी. आर. जाट ने कहा कि ग्राम पंचायतों में स्थित चारागाह ग्रामीणों की जीवन रेखा है। इसके विकास के लिए प्रत्येक गांव में चारागाह विकास समितियां बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि जल, जंगल व चारागाह में सभी का समान अधिकार है, किंतु कुछ व्यक्तियों के लालच के कारण चारागाहों में हो रहे अवैध अतिक्रमण चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि जिस जल, जंगल व जमीन पर सबका समान अधिकार है, उसे आज स्वयं से ही बचाना दुखद है।
उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों में स्थित चारागाहों को बचाने के लिए विभागीय निर्देशानुसार ठोस कदम उठाये जा रहे है। वहीं ग्राम पंचायतों में निवासरत पशुपालकों को वर्ष पर्यन्त पशु आहार उपलब्धता के लिए अवैध अतिक्रमण के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। इस दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाले चारागाह विकास समिति सदस्यों को प्रमाण पत्र भी दिए गए।
         बूंदी के पूर्व राज परिवार के सदस्य व नाहर फाउंडेशन के संरक्षक वंशवर्धन सिंह ने कहा कि जिले में चारागाह संरक्षण व विकास के लिए गठित समितियां बेहतर कार्य कर रही है। इन्हें अधिक मजबूत करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि चारागाह संरक्षण के प्रावधान, कानून व लाभों की जानकारी ग्रामीणों को देने के लिए विस्तृत प्रचार प्रसार किया जाना चाहिए।
          इस दौरान एफईएस संस्था के रीजनल कोऑर्डिनेटर कैलाश शर्मा, नाहर फाउंडेशन के अध्यक्ष पृथ्वी सिंह राजावत, पीपल फॉर एनिमल्स संस्था के विट्ठल सनाढ्य, प्रेम समृद्धि फाउंडेशन के अध्यक्ष पदम जैन, एफईएस संस्थान के अनीस जैन, सुरेश वैष्णव, मंजू शर्मा सहित विभिन्न ग्राम पंचायतों के चारागाह विकास समिति सदस्य मौजूद रहे।

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