गौतीर्थ तुलसी तपोवन गौशाला के सहायतार्थ पुराण मनीषी श्री कौशिक जी महाराज ने चतुर्थ दिवस श्रद्धालुओं को कराया शिव महापुराण कथा का रसपान।

एनपीटी उत्तर प्रदेश ब्यूरो
मैनपुरी। शहर के देवी रोड स्थित शीतला माता मंदिर परिसर में आयोजित गौतीर्थ तुलसी तपोवन गौशाला के सहायतार्थ आयोजित शिव महापुराण कथा का चतुर्थ दिवस पुराण मनीषी पूज्य श्री कौशिक जी महाराज के पावन सानिध्य में कथा परीक्षित डॉक्टर कौशलेंद्र दीक्षित व उनकी धर्मपत्नी शुभा दीक्षित एवं यजमान राजीव यादव, श्रीमती ममता यादव ने मंत्रोच्चारण के बीच भगवान की पूजा अर्चना की।
पुराण मनीषी पूज्य श्री कौशिक जी महाराज ने भगवान महादेव की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि महाशिवरात्रि का पावन पर्व आ रहा है इस पावन पर्व पर भगवान शिव की श्रद्धा भाव से पूजा करने से भोलेनाथ की कृपा सभी पर बरसती है।
शिव महापुराण की कथा कोई साधारण कथा नहीं है यह हमारे महादेव की कथा है इस कथा की सुनने मात्र से व्यक्ति का कल्याण हो जाता है। इस कथा को सुनने के लिए देवता भी तरसते हैं।
उन्होंने कहा कि भगवान ने मानव जीवन दिया है तो इस जीवन में को सफल बनाने के लिए तीर्थ में जाकर तप करो, हवन करो, सेवा करो और कथा सुननी चाहिए इससे जीवन मंगल मय होता है।
उन्होंने कहा कि स्वयंभू भगवान का प्रसाद लेने का अधिकार सभी को है लेकिन जिसने मंदिर में प्रसाद बंटवाया उसे कई यज्ञ का फल मिलता है।
कथा के दौरान महाराज श्री ने रुद्राक्ष की महिमा वर्णन करते हुए कहा कि 3 मुखी रुद्राक्ष से विद्या प्राप्त होती है, 5 मुखी रुद्राक्ष से बीमारियों दूर होती है, 6 मुखी रुद्राक्ष से धन के लिए चांदी में पहने तथा बच्चों को अच्छा रहता है, 7 मुखी रुद्राक्ष से धन की प्राप्ति तथा व्यापार में बढ़ोतरी होती है, 8 मुखी रुद्राक्ष से व्यक्ति की आयु बढ़ती है, 9 मुखी रुद्राक्ष से नवरात्रि व्रत का फल मिलता है, 10 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से नारायण की पूजा का लाभ मिलता है, 11 मुखी रुद्राक्ष विजय दिलाता है, 12 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से बुद्धि शुद्ध रहती है तथा यश सम्मान बढ़ाता है, 13 मुखी रुद्राक्ष नारियों के धारण करने से पति की उम्र बढ़ती है सौभाग्य प्राप्त होता है ,14 मुखी रुद्राक्ष करने से सिद्धि प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि सभी रुद्राक्ष ओम नमः शिवाय तथा भगवान भोलनाथ के मंत्र को बोलकर धारण करें।
कथा के दौरान महाराज श्री ने श्रद्धालुओं को भगवान शिव पर एक लोटा जल, बेलपत्र आदि चढ़ाने के महत्व को विस्तार से समझाया।
कथा के दौरान कौशिक जी महाराज के भजनों पर श्रद्धालू भगवान शिव की भक्ति में लीन नजर आए।
कथा के विश्राम पर परीक्षित डॉक्टर कौशलेंद्र दीक्षित व उनकी धर्मपत्नी शुभा दीक्षित, यजमान राजीव यादव, श्रीमती ममता यादव, कथा आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ संजीव मिश्रा वैद्य जी, पूर्व चेयरमैन श्रीमती साधना गुप्ता, पंडित रामदेव शास्त्री, अभिषेक तिवारी, विमल पांडेय, आयोजन समिति के सचिव संदीप चतुर्वेदी, प्रदीप दत्त दुबे, राधारानी दुबे आदि ने भगवान शिव की आरती की। कथा का संचालन पंडित रामदेव शास्त्री ने किया।
कथा में सौरभ अग्निहोत्री, वेदपाल परमार, राजीव यादव, अरविंद पांडे, रामखिलाड़ी यादव, श्रीमती राधा गुप्ता, मनीष तापड़िया, श्रीमती कल्पना मिश्रा, पंकज, श्रद्धा, अनीता राजपूत, आचार्य राममोहन, गोविंद गुप्ता, देवकीनंदन, मनोज यादव, विनोद गुप्ता, प्रशांत मिश्रा, मीडिया प्रभारी आकाश तिवारी, डॉ चन्द्र मोहन सक्सेना, दीपक चौहान, शुभम गुप्ता, गिरजेश लोधी सभासद, बजरंग सिंह जादौन, डॉ वी के मिश्रा, सत्यनारायण गुप्ता, गंगाप्रसाद शर्मा आदि बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल रहे।