कृष्णलीला देख हर्षित हुए भक्तजन

एनपीटी ब्यूरो ललितपुर
ललितपुर महरौनी ग्राम किसरदा में दुर्गा मंदिर प्रकरण में चल रही संगीत में श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन कथा व्यास आचार्य रमाकांत द्विवेदी ने कहा कि जो जीव भगवान पर विश्वास करता है, ईश्वर उसे कभी अकेला नहीं छोड़ते। जिस दिन आप ठाकुर जी के हो जाएंगे उसे दिन पूरा संसार आपका हो जाएगा। हमेशा अपने भगवान पर पूरा भरोसा रखें। गुरु, ब्राह्मण, संत और भगवान सभी हृदय से प्रसन्न होते हैं, ना कि आपकी की गई व्यवस्था से। सिर्फ नोट या पद के बल पर अगर आशीर्वाद मांगोगे तो नहीं मिलेगा जीवन में विनम्रता बहुत महत्वपूर्ण है।
कथा के पांचवें दिन उन्होंने श्री कृष्णा की बाल लीला का वर्णन करते हुए बताया कि बाल्य काल से ही भगवान ने राक्षसों का अंत करना आरंभ किया। पूतना,अघासुर, वर्णावर्त , धेनुकासूर, बानासुर, केशी आदि राक्षसों का अंत किया । ब्रज में माखन चोरी की लीला की गोचारण किया, यज्ञ पत्नियों पर कृपा करी, यमुना को कालिया नाग के विश्व से मुक्त कराया, चीर हरण की लीला ।गोवर्धन पूजा का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि कार्तिक माह में बृजवासी भगवान इंद्र को प्रसन्न करने के लिए पूजन कार्यक्रम करने की तैयारी करते हैं। भगवान कृष्ण द्वारा उनको इंद्र की पूजा करने से मना करते हुए गोवर्धन महाराज का पूजन करने की बात कहते हैं। इंद्र भगवान उन बातों को सुनकर क्रोधित हो जाते हैं । वह अपने क्रोध से भारी वर्षा करते हुए जिसको देखकर समस्त बृजवासी परेशान हो जाते हैं। भारी वर्षा को देख भगवान कृष्ण गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा उंगली पर उठाकर पूरे नगर वासियों को पर्वत के नीचे बुला लेते हैं । जिससे हार कर इंद्र एक सप्ताह के बाद वर्षा बंद कर कर देते हैं ।जिसके बाद ब्रज में भगवान श्री कृष्णा और गोवर्धन महाराज के जयकारे लगाने लगते हैं।