मुख्यमंत्री मईंयां सम्मान योजना से योग्य लाभुकों को भी किया जा रहा वंचित

महागामा /गोड्डा : झारखंड सरकार मुख्यमंत्री मईंयां सम्मान योजना के माध्यम से महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में अग्रसर है, वहीं सरकारी बाबुओं की लापरवाही एवं आंगनबाड़ी सेविकाओं के गलत क्रियाकलापों के कारण अनेक योग्य लाभुकों को इस महत्वाकांक्षी योजना से वंचित होना पड़ रहा है।
वहीं महागामा नगर निवासी सुप्रिया कुमारी को मइयां सम्मान योजना से बिना ठोस कारण के बाहर कर देना न केवल एक पात्र लाभुक के साथ अन्याय है, बल्कि यह आंगनबाड़ी सेविका की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।सुप्रिया कुमारी को पूर्व में इस योजना का लाभ मिल चुका था, ऐसे में अचानक उन्हें अयोग्य घोषित करना संदेह के घेरे में है। लाभुक के परिजनों ने इस संबंध में संबंधित अधिकारियों से निष्पक्ष जांच की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक यह स्पष्ट न हो कि किस आधार पर सुप्रिया कुमारी को योजना से हटाया गया, तब तक आंगनबाड़ी की कार्यप्रणाली पर विश्वास करना कठिन है। अगर जांच में सेविका की लापरवाही या पक्षपात सामने आता है, तो उस पर सख्त कार्रवाई और पूरे तंत्र की समीक्षा आवश्यक है।प्राप्त सूचनाओं के अनुसार, महागामा प्रखंड क्षेत्र के कई आंगनबाड़ी केंद्रों में सेविकाएं मनमाने तरीके से काम कर रही हैं। बच्चों की देखभाल, पोषण और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में अनियमितता स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है। सूत्रों का कहना है कि जब भी किसी अधिकारी की औचक जांच की खबर मिलती है, सेविकाएं तत्परता से बच्चों को बुलाकर दिखावटी व्यवस्था कर दिखा देती हैं, जबकि जमीनी हकीकत चिंताजनक है।ऐसे में अब सवाल उठता है कि क्या प्रशासन इन लापरवाहियों पर कार्रवाई करेगा या फिर यह व्यवस्था यूं ही ढीली और भ्रामक बनी रहेगी।