अभी वृंदावन छोड़ दो…’ प्रेमानंद महाराज की रात्री यात्रा का हुआ विरोध तो भड़के बागेश्वर धाम धीरेंद्र शास्त्री

एनपीटी मथुरा ब्यूरो
मथुरा। वृंदावन के सुप्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज इन दिनों अपनी रात्रीकालीन यात्रा पर हुए विवाद के कारण लगातार सुर्खियों में हैं। प्रेमानंद महाराज हर रात अपने घर से निकलकर केलीकुंज आश्रम तक पद यात्रा करते थे। लोगों को भजन मार्ग और नाम जप की महिमा बताने वाले प्रेमानंद महाराज की इस पदयात्रा में उनके दर्शनों के लिए हजारों लोग रात से ही लाइनें लगाकर खड़े हो जाते थे। हालांकि, इस पदयात्रा के मार्ग में पड़ने वाली NRI सोसायटी के लोगों के विरोध के बाद अब वृंदावन में संत प्रेमानंद महाराज ने रात में निकलने वाली अपनी पद यात्रा का रूट, समय और तरीका बदल दिया है. ऐसे में बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने भी इस विरोध पर अपनी नाराजगी जताई है। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि ऐसे लोगों को ‘वृंदावन छोड़ देना चाहिये। दरअसल जिस रास्ते से होकर प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा गुजरती थी, वहां बड़ी संख्या में लोग उनके दर्शनों के लिए जमा होते थे। पदयात्रा के समय उत्साही भक्त कई तरह के बैंड बाजे, आतिशबाजी और लाउडस्पीकर पर भजन चलाते थे। इसपर मार्ग में पड़ने वाली सोसायटियों के लोगों ने इस शोरगुल से परेशान होकर अपना विरोध जताया. इसी विरोध पर बोलते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, ‘जिनकी वाणी को लाखों लोग सुन रहे हैं, ऐसे पूज्य श्री प्रेमानंद बाबा की रात्री पदयात्रा पर रोक लगाने का विषय मीडिया के माध्यम से हमें पता चला। कुछ महिलाओं ने जो विरोध किया। हम तो उन्हें एक अनुरोध करेंगे, एक साधू के भजन में ही रोक लगाओगी देवियों तो तुम इंसान तो हो ही नहीं सकती। धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा, ‘पुराने समय में हवनकुंड से राक्षसों को ही दिक्कत हुआ करती थी। मनुष्यों को भजन से कभी दिक्कत नहीं होती. जो भी पूज्य श्री प्रेमानंद बाबा की पदयात्रा का विरोध कर रहा, शुद्ध रूप से वह मानव नहीं है। समझ जाओ वो क्या है. हम ब्रजवासियों से कहेंगे, बाबा से कहेंगे कि आपका भजन बराबर चलने दो, आपकी यात्रा चलने दो, जिनके पेट में दर्द है, वह वृंदावन छोड़कर दिल्ली बस जाएं. क्योंकि वृंदावन में तो राधे ही राधे होगा, आधे-आधे नहीं होगा। वह आगे कहते हैं, ‘ जरूरत पड़ने पर हम भी बाबा का साथ देंगे और उन लोगों का विरोध करेंगे जो बाबा का विरोध कर रहे हैं।