मुरादाबाद

ट्रंप के टैरिफ से मुरादाबाद के कामगारों में छंटनी का खतरा मंडराया

एनपीटी मुरादाबाद ब्यूरो

जनपद में निर्यातक फर्मों में लगभग 8 से 9 लाख लोग काम करते हैं।अमेरिका द्वारा उत्पादों पर 26 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने इन लोगों को नौकरी पर खतरा बन गया है।

यूपी का मुरादाबाद पूरी दुनिया में पीतल नगरी के नाम से जाना जाता है। यहां के पीतल के उत्पादन देश-विदेश में एक्सपोर्ट किए जाते हैं, तो वहीं पीतल नगरी के इस शहर में इन दोनों निर्यातको पर संकट चल रहा है। निर्यातको को ट्रंप के टैरिफ से मंदी का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही अब ट्रंप के टैरिफ से कामगारों पर छटनी का खतरा भी मंडराता जा रहा है।

केवल अमेरिका में होता है 5500 करोड़ का कारोबार
मुरादाबाद हस्तशिल्प निर्यातकों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। टैरिफ लगने से अब निर्यातकों को 1400 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है। इसको लेकर सभी निर्यातक चिंतित है। इसके साथ ही मुरादाबाद जिले के करीब 2400 निर्यातक हस्तशिल्प उत्पाद से जुड़े हुए हैं। जिले से अमेरिका, जापान, इंग्लैंड, टर्की समेत अन्य देशों को हर साल 8000 से 9000 करोड़ रुपये का हस्तशिल्प उत्पाद का निर्यात होता है। इनमें सबसे ज्यादा 5500 करोड़ रुपये का निर्यात अकेले अमेरिका में होता है। अमेरिका राष्ट्रपति ने दो अप्रैल से भारत समेत अन्य देशों के विभिन्न उत्पादों पर 26 प्रतिशत टैरिफ लागू कर दिया है। निर्यातकों के अनुसार, ट्रंप द्वारा एल्युमिनियम, स्टील और लोहे पर 26 प्रतिशत टैरिफ लागू करने से जिले के हस्तशिल्प निर्यातकों को 1400 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है।

निर्यातक फर्मों ने कामगारों की छंटनी की शुरू

मुरादाबाद की कई बड़ी निर्यातक फर्मों ने कामगारों की छटनी करना शुरू भी कर दी है।इससे उनके सामने रोजी रोटी का खतरा मंडराने लगा है। जनपद में निर्यातक फर्मों में लगभग 8 से 9 लाख लोग काम करते हैं।अमेरिका द्वारा उत्पादों पर 26 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने इन लोगों को नौकरी पर खतरा बन गया है। एक निर्यातक ने बताया कि अमेरिका द्वारा उत्पादों पर 26 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने से यहां कारोबार को 1400 से 1500 करोड़ रुपए का नुकसान होने की संभावना है। अकेले अमेरिका को ही मुरादाबाद से 5500 से 6000 करोड़ रुपए का पीतल उत्पाद निर्यात होता है। इधर कारीगर मोहम्मद सुलेमानी बताते हैं कि मालिक लोक कह रहे हैं। ऑर्डर नहीं मिल रहा है। काम नहीं आ रहा है। इसलिए कुछ दिनों कामगारों के लिए काम निकलना मुश्किल है

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