गोड्डा

गोड्डा: अडानी पावर के खिलाफ रैयतों का गुस्सा, भूख हड़ताल के बीच विधायक प्रदीप यादव ने दी आंदोलन की चेतावनी

एनपीटी गोड्डा ब्यूरो

गोड्डा में अडानी पावर के खिलाफ जमीन रैयतों का आक्रोश चरम पर पहुंच गया है। रैयतों का आरोप है कि जमीन अधिग्रहण के बदले स्थायी नौकरी का वादा करने वाली अडानी कंपनी ने न केवल वादाखिलाफी की, बल्कि उन्हें आउटसोर्सिंग कंपनी ‘इनोव’ में ठेका नौकरी दी। अब हाल ही में इनोव से करीब 178 रैयत कर्मचारियों को अचानक निकालकर चौथी आउटसोर्सिंग कंपनी में शिफ्ट करने की तैयारी ने आग में घी डाल दिया है। गुस्साए रैयतों ने इसके खिलाफ भूख हड़ताल शुरू कर दी ह

रैयतों का कहना है, “हमें बार-बार आश्वासन दिया गया कि कंपनी पूरी तरह चालू होने पर अडानी में सीधी नौकरी मिलेगी। लेकिन अब जब प्लांट शुरू हो गया, तो हमें एक और आउटसोर्सिंग कंपनी में धकेला जा रहा है।” विरोध करने पर कंपनी ने इनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करा दिया, जिससे रैयतों में डर और नाराजगी और बढ़ गई।

इस मुद्दे को लेकर रैयतों ने कांग्रेस विधायक दल के नेता और पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव से गुहार लगाई। बीते दिन हुई मुलाकात में रैयतों ने कहा, “अब आप ही हमारी आखिरी उम्मीद हैं।” विधायक ने उनकी मांग को जायज ठहराते हुए कहा, “आपके साथ अन्याय हुआ है, मैं इस लड़ाई में आपके साथ हूं।”

आज दोपहर 1 बजे प्रदीप यादव धरनास्थल पर पहुंचे और अडानी के खिलाफ जमकर गरजे। उन्होंने चुनौती भरे लहजे में कहा, “अगर अडानी ने यह जुल्म बंद नहीं किया, तो एक और आंदोलन के लिए तैयार हो जाए। मेरे एक आवाज पर 50 हजार लोग सड़कों पर होंगे। न कोई अंदर जाएगा, न बाहर आएगा, कोयले का एक टुकड़ा भी प्लांट में नहीं जाने देंगे।”

विधायक के तीखे तेवर देख अडानी ने तुरंत अपने प्रतिनिधियों को धरनास्थल पर भेजा और बातचीत की पेशकश की। यादव ने साफ कहा, “ये बच्चे लड़ने नहीं आए, बस अपना हक मांग रहे हैं। जमीन लेते वक्त जो वादा किया था, उसे पूरा करें और इनके खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस लें।” अडानी प्रतिनिधियों ने जवाब दिया, “हम कल दोनों पक्षों के साथ बैठकर इस पर विचार करने को तैयार हैं।”

अब कल सुबह मोतिया थाना में जिला प्रशासन, अडानी प्रतिनिधि, कर्मचारी प्रतिनिधि और विधायक के प्रतिनिधि एक बैठक करेंगे, जिसमें इस विवाद को सुलझाने की कोशिश होगी। रैयतों की भूख हड़ताल और विधायक की चेतावनी ने अडानी को बैकफुट पर ला दिया है, लेकिन नतीजा कल की वार्ता पर टिका है।

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