जीवन की कठिनाइयां ईश्वर की परीक्षा : कथा व्यास सुवेदी जी महाराज

कनपुर, कृपा धाम मंदिर प्रांगण में आयोजित होने वाली पंच दिवसीय संगीतमय भक्तमाल कथा के द्वितीय दिवस भक्त माल कथा में कार्यक्रम आयोजक संयोजक सुनील कपूर,सपना कपूर,राजीव चतुर्वेदी,गुड़िया चतुर्वेदी द्वारा व्यास पीठ का पूजन किया गया। यह बात भक्त माल कथा के द्वितीय दिवस दिल्ली से पधारे सुप्रसिद्ध रामकथा वाचक एवं भागवताचार्य ” आचार्य कृष्ण गोपाल सुवेदी ने कथा प्रसंग पर बोलते हुए ” बिल्व मंगल श्री सूरदास चरित्र पर व्याख्यान करते हुए कही उन्होंने बताया की …….भक्त माल कथा चरित्र को कहते हुए स्वय नारद जी कहते है की हमारे इंद्रियों के द्वार पर भोगी देवता हमे बल वश आकर्षण की ओर आकृष्ट करते है ,भगवान की ओर ले जाना भी देवताओं का काम है और वासना की ओर भी लेजाना उनका काम है। कथा व्यास ने कहा की …कुंडली जागरण वर्षो का हो पाता है और पाप में व्यक्ति मिनट भर में लीन हों जाता है इसलिए हमे सदैव भगवान की प्राप्ति हेतु भक्ति के सदमार्ग पर लीन भक्तों का संग करना चाहिए जैसे विल्ब मंगल श्री सूरदास महाराज का चरित्र हुआ है। करोड़ों योनियों में भटकने के बाद हमे करुणा सिंधु भगवान की जब दिव्य दृष्टि पड़ती तब मनुष्य योनि मिलती है। साधन यानी साधना के माध्यम से मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह वाक्यांश हमें बताता है कि मोक्ष की प्राप्ति के लिए, हमें साधना करनी चाहिए, और यह कि मनुष्य का शरीर एक ऐसा साधन है जो हमें मोक्ष तक ले जा सकता है।