मुरादाबाद

पुलिस मुखबिर पर भी भारी पड़ रहे फरार सट्टा माफिया

लगता है कि मुरादाबाद पुलिस के मुखबिर और खूफिया तंत्र कमजोर हो गए हैं। इनमे सबसे अधिक कमजोर सिविल लाइंस थाना पुलिस दिखाई पड़ रही है, क्योंकि फरार सट्टा माफियाओं का ना तो सुराग पुलिस लगा पा रही है और ना ही जानकारी जुटा पा रही है।

नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो,

मुरादाबाद।लगता है कि मुरादाबाद पुलिस के मुखबिर और खूफिया तंत्र कमजोर हो गए हैं। इनमे सबसे अधिक कमजोर सिविल लाइंस थाना पुलिस दिखाई पड़ रही है, क्योंकि फरार सट्टा माफियाओं का ना तो सुराग पुलिस लगा पा रही है और ना ही जानकारी जुटा पा रही है। इस तरह से फरार सट्टा माफिया पुलिस पर भारी पड़ रहे हैं। सिविल लाइन्स थाने में दर्ज सट्टे माफियाओं के खिलाफ मुकदमे में पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है। पुलिस सट्टा माफियाओं के संभावित ठिकानों पर दबिश देकर इन्हें गिरफ्तार करने की नाकाम कोशिश में जुटी है। मिली जानकारी के अनुसार सट्टा माफियाओं को गिरफ्तार करने के लिए एसओजी टीम के साथ पुलिस की 10 टीमें काम कर रही हैं। ये टीम सट्टा माफियाओं की गिरफ्तारी के प्रयास के साथ साथ उनकी संपत्तियों की जांच में भी जुटी हैं।

जनपद में तैनात प्रशासन के अधिकारियों ने सट्टा माफियाओं के खिलाफ सख्त रुख अपनाया हुआ है। इसी के चलते महानगर में आईपीएल सट्टेबाजी के काले धंधे से जुड़े रोज नए से नए खुलासे हो रहे हैं। थाना सिविल लाईन्स अंतर्गत पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज के पास स्थित कौशल कपूर के फ्लैट पर इंस्पेक्टर सिविल लाइन मनीष सक्सेना ने छापा मारकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक बड़े आईपीएल सट्टेबाज गिरोह का खुलासा किया था। अब पुलिस ने गिरफ्तार किए गए 6 सट्टा माफियाओं पर रंगदारी की धारा भी बढ़ा दी है।

इतने सट्टा माफिया पुलिस के हत्थे चढ़े 

सिविल लाइन्स पुलिस ने कौशल कपूर के फ्लैट से छापा मारकर मौके से पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष व प्राइमरी शिक्षक सुशील चौधरी उर्फ सुरेन्द्र, अभिनव, कौशल कपूर, विपुल, मनोज अरोरा, धर्मेन्द्र कुमार, रोहित गुप्ता, आकाश, हेमन्त कुमार और शहजादे सलीम को गिरफ्तार किया था। साथ ही पुलिस ने पकड़े गए सट्टा माफियाओं के पास से दो लाइसेंसी रिवॉल्वर, भारी संख्या में कारतूस और दो गाड़ियां बरामद की थी। पुलिस को मौके से सट्टे से संबंधित हिसाब किताब में मोबाइल से अन्य और सट्टेबाजों के बारे में तमाम जानकारियां भी मिली थी।पुलिस ने इनके पास से एक स्कॉर्पियो कार व एक क्रेटा कार भी बरामद की थी। इन कारों से ये माफिया उगाही का काम किया करते थे। सुशील चौधरी से बरामद हुई कार इनकम टैक्स कमिश्नर के छोटे भाई सुमित डुडेजा के नाम पर पंजीकृत है। इनकम टैक्स कमिश्नर का एक और भाई विशाल डुडेजा मुरादाबाद में सट्टे की दुनिया का बेताज बादशाह है।

पुलिस की जांच में सबसे पहले साहिल का नाम सामने आया था। जिसको कांठ रोड स्थित एक प्राइवेट सोसाइटी में छापा मारकर गिरफ्तार किया गया था। पुलिस अभिरक्षा में साहिल ने बताया था कि गिरफ्तारी वाली जगह के बगल वाले फ्लैट में विशाल डुडेजा भी रुका हुआ था। इसके बाद पुलिस पहुंची थी, लेकिन तब तक विशाल डुडेजा वहां से फरार हो चुका था। विशाल डुडेजा मेरठ में तैनात इनकम टैक्स कमिश्नर का भाई है। जिसको पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है। इन सभी की जमानत अर्जी हाईकोर्ट तक से खारिज हो चुकी है।

विशाल डुडेजा का सट्टेबाजी की दुनिया में है बड़ा नाम

गिरफ्तार सट्टेबाजों ने बताया था, कि कमल दीप टण्डन,राजदीप टण्डन, मुकुल गोटेवाला, आशु सतोगी, विशाल डुडेजा, रचित रस्तोगी, सुमित उर्फ सारी सेती, टीटू उर्फ दीपक गगनेजा विक्की छावड़ा व कमल छावड़ा आईपीएल की शुरुआत से ही मुरादाबाद के सबसे बड़े बुकी हैं। इसके बाद पुलिस ने 20 सट्टेबाजों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार नौ लोगों को अदालत में पेश कर जेल भेज दिया था। दो दिन बाद साहिल नाम के व्यक्ति को भी गौर ग्रेसियस सोसाइटी से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। विशाल डुडेजा मेरठ में तैनात इनकम टैक्स कमिश्नर का भाई है, जिसको पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है।

महानगर के बैंक्वेट हॉल स्वामी से लेकर बड़े सर्राफ भी इस धंधे में शामिल

उधर पुलिस जैसे-जैसे प्रकरण की जांच कर रही है। वैसे वैसे नए नए नाम सामने आ रहे हैं। सट्टेबाजी की इस दुनिया में बैंक्वेट हॉल स्वामी से लेकर ज्वेलर्स व शोरूम मालिक तक शामिल हैं। पुलिस के हाथ जेल में बंद सफेदपोश सट्टेबाजों सहित फरार सट्टेबाजों के ऐसे तमाम फोटोग्राफ हाथ लगे हैं।जिनमें वह अपनी लग्जरी लाइफ जीते हुए नजर आ रहे हैं।

सट्टा खिलाने वाले गिरोहों के सदस्यों की संपत्तियों का ब्यौरा जुटा रही है पुलिस

मुरादाबाद शहर में ऑनलाइन और ऑफलाइन आईपीएल सट्टा खिलाने वाले गिरोहों के सदस्यों की संपत्तियों का ब्यौरा पुलिस ने जुटाना शुरू कर दिया है। पुलिस ने नगर निगम, तहसील और रजिस्ट्री दफ्तर में पत्र भेजकर संपत्तियों के बारे में जानकारी मांगी है। पुलिस का दावा है कि गिरोह में शामिल अमित नागपाल की संपत्ति का डाटा मिल गया है। इसके अनुसार अमित और उसके परिवार के सदस्यों ने 14 साल में 12 संपत्तियां खरीदी हैं। जिसकी कीमत करोड़ों में है। 

सिविल लाईन्स के दीनदयाल नगर निवासी अमित नागपाल 14 साल में 12 संपत्तियां अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर खरीदी हैं। इनमें मकान, जमीन, प्लाट और फैक्ट्री शामिल है। मनीष उर्फ मोना, सुमित उर्फ सनी सेठी व सचिन पहाड़ी सट्टे कारोबार में पिछले 12 से 14 वर्षों से लिप्त हैं। इन तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंच पाए हैं। यह समझ परे है कि एसएसपी मुरादाबाद जब पूरी जांच अपने करीबी लोगों से करा रहे हैं तो फिर ये पकड़ में क्यूं में नहीं आए।

पुलिस ने पकड़े गए सट्टा माफियाओं से पूछताछ के बाद अमित नागपाल, राजदीप टंडन, कमलदीप टंडन,मुकुल गोटेवाला, आशुतोष रस्तोगी, विशाल डुडेजा, सुमित उर्फ सनी सेठी, टीटू उर्फ दीपक गगनेजा, विक्की छाबड़ा और कमल छाबड़ा के नाम शामिल किए थे। इसके बाद पुलिस ने मुकदमे में दो नए नाम शामिल किए थे। जिसमें प्रवीण चौधरी जोकि सुशील चौधरी का बहनोई है उसका नाम भी मुकदमे में शामिल किया गया था।

अभी 13 सट्टा माफियाओं की तलाश

पुलिस को अभी 13 सट्टा माफियाओं की तलाश है। पुलिस ने सट्टा गिरोह पर शिकंजा कसने के लिए इस गैंग पर गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई करने की तैयारी शुरू कर दी है। पुलिस ने सभी आरोपियों की संपत्ति का ब्यौरा जुटाना शुरू कर दिया है। साथ ही पुलिस की टीमें इन सट्टा माफियाओं के संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं लेकिन अभी तक कोई सट्टा माफिया पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है।

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