वन विभाग का काम ग्रामीणों ने संभाला,तेंदुए को घेरा,नहीं पहुंची टीम

नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो,
मुरादाबाद। छजलैट थाना क्षेत्र के गांव नक्शंदाबाद में तेंदुए का आतंक जारी है, गांव में एक बार फिर तेंदुए ने दस्तक दी है। आज सुबह तेंदुए को देख कर ग्रामीणों ने दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि सूचना देने के बाद भी वन विभाग की टीम नहीं पहुंची है। फिलहाल ग्रामीणों ने तेंदुए की घेराबंदी कर रखी है। वहीं दूसरी ओर ठाकुरद्वारा थाना क्षेत्र के एक गांव में ये तेंदुए ने किसान पर हमला कर लहूलुहान कर दिया। आनन फानन में घायल को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
गांव में दूसरा तेंदुआ दिखने से हड़कंप
बीते शुक्रवार को ग्रामीणों की कड़ी मेहनत के चलते तेंदुए को पकड़ा गया था। इसके बाद अब गांव में फिर से तेंदुआ दिखने से डर का माहौल पैदा हो गया है।बीते शुक्रवार को गांव के ही एक युवक पर तेंदुए ने हमला कर घायल कर दिया था। इसके बाद ग्रामीणों ने तेंदुए को घेर कर पकड़वा दिया था, इसके बाद कोतवाली ठाकुरद्वारा के गांव आलमगीरपुर में तेंदुए ने एक किसान पर हमला किया है। किसान पर हमला करने के बाद ये तेंदुआ पास के बोरवेल पाइप में छिपा हुआ है।
ग्रामीण बोले वन विभाग की सुस्ती से गई युवक की जान
नक्शंदाबाद गांव में हुई युवक की मौत का जिम्मेदार ग्रामीण वन विभाग को बता रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले एक महीने से गांव में लगातार गांव में तेंदुआ देखा जा रहा है। जिसकी सूचना भी वन विभाग को दी जाती है। लेकिन विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती।
सूचना देने के बाद भी नहीं खुली विभाग की नींद
ग्रामीण राजेश त्यागी ने कि गांव में तेंदुआ प्रतिदिन देखा जाता है। जिसकी सूचना कई बार वन विभाग को दी गई। जनप्रतिनिधियों को भी मामले की जानकारी दी गई। लेकिन कोई भी सुनने को तैयार नहीं है। वन विभाग द्वारा झूठा आश्वासन दिया जाता है ,उनके द्वारा कह दिया जाता है कि आ रहे हैं लेकिन आता कोई नहीं। अगर हम ग्रामीणों द्वारा कोई एक्शन लिया जाता है तो उस पर वन विभाग कार्रवाई कर देगा। वन विभाग चैन की नींद सोया हुआ है। विभाग फिर से कोई बड़ी घटना का इंतजार कर रहा है। विभाग की लापरवाही के चलते एक युवक समय से पहले ही काल के गाल में समा चुका है।
वन विभाग कार्यवाही करता तो जिंदा होता मेरा भाई
वहीं मृतक के भाई निशू कुमार का कहना है कि बीते शुक्रवार को मेरे भाई दलवीर पर तेंदुए ने हमला कर दिया था। जिसको इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था,जहां उसने 4 दिन बाद दम तोड दिया। गांव में पहले भी तेंदुए देखे गए,वन विभाग को सूचना भी दी गई लेकिन विभाग द्वारा तेंदुए की रोकथाम के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अगर वन विभाग सटीक कार्रवाई करता तो आज मेरा भाई जिंदा होता। मेरे भाई के घर में पत्नी के अलावा 4 छोटे छोटे बच्चे हैं। सरकार से अपील है कि हम जैसे गरीबों की मदद करें,जिससे बच्चों को कुछ सहारा मिल सके। आज भी गांव में तेंदुआ देखा गया है। ग्रामीणों द्वारा तेंदुए की खेत में घेराबंदी की गई है,सूचना देने के बाद भी वन विभाग की टीम मौके पर नहीं पहुंची है।