जनपद में फलफूल रहा है नशे का कारोबार, मेडिकल पर धड़ल्ले से बिक रहा मौत का सामान

नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो,
मुरादाबाद। जिले के कई मेडिकल स्टोरों पर खुलेआम नशीली और प्रतिबंधित दवाइयों की बिक्री हो रही है। यह दवाएं आसानी से उन युवाओं तक पहुंचाई जा रही हैं, जो नशे की लत के शिकार हैं या बनने की कगार पर हैं।
जनपद में नशे का अवैध कारोबार दिनों-दिन तेजी से बढ़ता जा रहा है। स्थिति यह है कि युवा पीढ़ी बड़ी संख्या में इस घातक लत की चपेट में आती जा रही है। इस गिरते सामाजिक परिदृश्य के पीछे सिर्फ
असामाजिक तत्व ही नहीं, बल्कि कुछ मेडिकल स्टोर संचालक भी बराबर के जिम्मेदार नजर आ रहे हैं।
नशे की गिरफ्त में आने के बाद युवा चोरी जैसे अपराध कर रहे है
मिली जानकर के अनुसार, जिले के कई मेडिकल स्टोरों पर खुलेआम नशीली और प्रतिबंधित दवाइयों की बिक्री हो रही है। यह दवाएं आसानी से उन युवाओं तक पहुंचाई जा रही हैं, जो नशे की लत के शिकार हैं या बनने की कगार पर हैं। वही कुछ पैसे के लालच में कुछ मेडिकल संचालक गैरकानूनी गतिविधि में संलिप्त होकर युवाओं का भविष्य अंधकारमय बना रहे हैं। नशे की गिरफ्त में आने के बाद युवा चोरी जैसे अपराधों में भी संलिप्त हो रहे हैं। यह स्थिति तब और भी भयावह हो जाती है जब परिवार के लोग सामाजिक बदनामी के डर से किसी नशामुक्ति केंद्र में इलाज कराने से हिचकिचाते हैं
बड़े पैमाने पर नशे का कारोबार फल-फूल रहा है
वही स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अब समय आ गया है, कि प्रशासन और पुलिस विभाग जागे। वही अब एक सवाल उठना स्वाभाविक है कि जब बिना पुलिस की जानकारी के एक पत्ता भी नहीं हिल सकता, तो फिर इतने बड़े पैमाने पर नशे का कारोबार कैसे फल-फूल रहा है? कहीं न कहीं, इसमें पुलिस और कारोबारियों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता।
उच्च पुलिस अधिकारियों को इस पर तत्काल संज्ञान लेना चाहिए
और जिलेभर में छापेमारी कर नशीली दवाओं की बिक्री पर रोक लगानी चाहिए। खासकर उन मेडिकल स्टोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, जहां प्रतिबंधित दवाएं बेची जा रही हैं। ऐसे मेडिकल संचालकों का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाना चाहिए, साथ ही यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि दोषी संचालकों के परिवार के किसी भी सदस्य को भविष्य में मेडिकल लाइसेंस न मिले।