ललितपुर

सांसद का रिश्तेदार बताकर महिलाओं से नौकरी लगवाने के नाम पर लाखों हड़पे

एनपीटी ब्यूरो ललितपुर 

ललितपुर। झांसी-ललितपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद को अपना रिश्तेदार बताते हुये सिलाई मशीनें दिलाने और नौकरी लगवाने के नाम पर महिलाओं से लाखों रुपये लेकर हड़पने का मामला प्रकाश में आया है। महिला की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने तत्काल एफआईआर दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है, जबकि इस प्रकरण में सांसद कार्यालय से स्पष्टीकरण भी सोशल मीडिया पर जारी किया गया है।

मुख्यालय के समीपवर्ती ग्राम रजवारा निवासी दीप्ति राजे पत्नी यशवंत सिंह ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि वह स्वयं सहायता समूह की सचिव है। इस समूह में मानसिंह कुशवाहा, सुहानी राय, सीमा कुशवाहा, पूजा कुशवाहा आदि सदस्य कार्य करते हैं। बताया कि विगत 6-7 माह पहले नाराहट कस्बा निवासी पवन शर्मा पुत्र अशोक शर्मा उनके गांव पहुंचा और स्वयं को बड़ा पावरफुल बताते हुये कहा कि वह उसे व अन्य महिलाओं को सिलाई मशीन दिलायेगा, जिसके एवज में एक हजार रुपये प्रति महिला की मांग की। इसके अलावा एक विज्ञप्ति दिखाते हुये कहा कि अमरपुर मण्डी के पास मेडीकल कॉलेज में कुछ कर्मचारियों की भर्ती निकली है, इसमें भी वह भर्ती कराते हुये ज्वाईनिंग लैटर दिलवा देगा। इसके बदले में रुपयों की मांग की गयी और नौकरी न लगने पर रुपये वापस करने की बात कही। बताया कि पवन शर्मा ने गुडासे व समूह की अन्य महिलाओं से मशीन दिलाने के नाम पर 12 हजार रुपये व नौकरी लगवाने के नाम पर 3 लाख 25 हजार कुल 3 लाख 37 हजार रुपये ले लिये। किन्तु अभी तक न तो महिलाओं को सिलाई मशीन दिलायी गयी और न ही किसी महिला की नौकरी लगी और न ही कोई लैटर मिला। 26 मार्च को उक्त पवन शर्मा से जब रुपये वापस मांगे तो उसने रुपये हड़पने की बात कहते हुये शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी। पीडि़ता की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने पवन शर्मा पुत्र अशोक शर्मा के खिलाफ बीएनएस की धारा 318 (4), 316 (2), 351 (3) के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है।

*शिकायती पत्र में सांसद का नाम, एफआईआर में गायब*

पवन शर्मा के खिलाफ शिकायत लेकर रजवारा गांव की महिलायें लामबंद होकर सर्वप्रथम कलेक्ट्रेट पहुंची, जहां उन्होंने डीएम को ज्ञापन भेजा। डीएम को भेजे गये ज्ञापन में महिलाओं ने पवन शर्मा द्वारा स्वयं को झांसी- ललितपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद को अपना रिश्तेदार बताते हुये महिलाओं को सिलाई मशीन व नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये हड़पने का आरोप लगाया। वहीं मामले की सूचना कोतवाली पुलिस को देने पर एफआईआर तो दर्ज की गयी, लेकिन एफआईआर से सांसद का पद व नाम दोनों हटाये गये हैं।

*संसदीय कार्यालय से सोशल मीडिया पर जारी हुआ स्पष्टीकरण*

प्रकरण की सूचना आनन-फानन में झांसी निवासरत सांसद तक जा पहुंची। इसके बाद संसदीय कार्यालय से सोशल मीडिया पर एक सूचना जारी करते हुये इस प्रकरण में स्पष्टीकरण दिया गया है। इस स्पष्टीकरण पत्र में लिखा गया है कि कई पत्रकारों एवं अन्य व्यक्तियों के माध्यम से यह जानकारी प्राप्त हुई है कि कोई व्यक्ति स्वयं को सांसद का रिश्तेदार बताकर विभिन्न अवैध कार्यों के लिए लोगों से पैसों की वसूली कर रहा है। स्पष्ट किया जाता है कि सांसद एवं उनके परिवार का उक्त व्यक्ति से न तो कोई संबंध है, न पहले कभी रहा है, और न ही सांसद ऐसे किसी व्यक्ति को कोई संरक्षण प्रदान करते हैं। इस प्रकार के असामाजिक तत्वों के विरुद्ध उचित एवं कठोर कार्रवाई करने के लिए पुलिस एवं प्रशासन पूर्णत: स्वतंत्र हैं।

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