सनौर बालू घाट में वैध चालान के साथ बालू उठाव कार्य में बिहार पुलिस का चला डंडा

बिहार की सीमा बता हुई पुलिसिया कार्रवाई, ट्रैक्टर सहित एक पुलिस की हिरासत में।
गोड्डा : बसंतराय प्रखंड अंतर्गत डेरमा पंचायत के सनौर बालू घाट में कैटेगरी वन के तहत वैध चालान निर्गत कर हो रहे बालू उठाव के दौरान सीमावर्ती राज्य बिहार के बांका जिला प्रशासन द्वारा कल भारी संख्या में पुलिस फोर्स के साथ बालू घाट पर पहुंच कर खूब हाय तौबा मचाते हुए पुलिसिया लाठी भांजी गई। इस दौरान मौके पर बिहार के बांका जिला के एसडीएम अविनाश कुमार, बौंसी एसडीपीओ अर्चना कुमारी, धोरैया थानाध्यक्ष अमित कुमार समेत लगभग सैकड़ों की संख्या में पुलिस बल मौजूद थे।
ज्ञात हो कि गोड्डा जिला अंतर्गत बसंतराय प्रखंड का थाना व बांका जिले अंतर्गत धोरैया थाना का सीमा रेखा गेरुवा नदी से होकर गुजरती है लेकिन ये सीमा आखिरकार किस जगह से है इसको लेकर आज तक ना तो बांका जिला प्रशासन ने पहल करना उचित समझा ना ही गोड्डा जिला प्रशासन ने आज तक इस बाबत ध्यान दिया। नतीजन पूर्व में भी कई बार सीमा विवाद के कारण बिहार का किया धरा कृत्य का ठीकरा झारखंड के ऊपर फोड़ा जा चुका है ऐसा ही कुछ माजरा गुरुवार को भी हुआ जहां बांका जिला प्रशासन बगैर अपने सीमा को जाने नदी में अपना सीमा क्षेत्र बताकर प्रवेश कर गई और बालू उठा रहे बालू कारोबारियों को खदेड़ने के साथ साथ मारपीट करना शुरू कर दिया, साथ ही एक ट्रैक्टर समेत एक व्यक्ति को भी गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई। उसके बाद पता नहीं कि गिरफ्तार व्यक्ति का क्या हुआ, उसे छोड़ा गया..? या फिर उसके विरुद्ध कोई मामला दर्ज किया गया।
पर सवाल ये है कि आखिर बांका जिले की पुलिस इस बात से कैसे आश्वस्त थी कि बालू का उठाव बिहार से हो रहा है जबकि आज तक कभी सीमांकन हुआ ही नहीं है। क्या बांका की पुलिस को गोड्डा जिला प्रशासन से ऐसे कार्यवाही करने से पहले इस मुद्दे पर बात नहीं करना चाहिए थी.? और अंत में एक बड़ा सवाल ये भी है कि आखिर सीमांकन के उलझे विवाद का शिकार आम जनता, कब तक पुलिसिया लाठी खाती रहेगी.?