असम भाजपा नेता तथा पूर्व विधायक गुरुज्योति दास का नाम एपीएससी घोटाले में शामिल ।

एनपीटी असम ब्यूरो
असम के भाजपा नेता, पूर्व विधायक तथा असम मत्स्य विकास निगम के वर्तमान अध्यक्ष गुरुज्योति दास का नाम एपीएससी घोटाले में लिया गया है, जो असम में हुए सबसे बड़े घोटालों में से एक है। एपीएससी घोटाले की जांच के लिए गठित जस्टिस बिप्लब शर्मा की रिपोर्ट में मंगलदोई के पूर्व विधायक गुरुज्योति दास पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। भाजपा नेता तथा मंगलदोई के पूर्व विधायक गुरुज्योति दास पर असम लोकसभा आयोग की परीक्षा में नौ रिश्तेदारों को घुमावदार रास्ते से पास कराने का आरोप लगा है। रिपोर्ट के मुताबिक, लीना दास, मनदीप दास, डॉ. देबाशीष दास, नरेश्वर दास, निर्माली दास, भार्गवमणि दास, कल्पना दास, थानूराम दास और देवेंद्र दास को बीजेपी नेता गुरुज्योति दास ने घुमावदार रास्ते से नौकरी दिलाया था । रिपोर्ट के मुताबिक, प्रश्न पत्र गुरुज्योति के रिश्तेदार भार्गवमणि दास को पहले ही दे दिया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, मंगलदोई के पूर्व भाजपा विधायक गुरुज्योति दास के तत्कालीन एपीएससी अध्यक्ष राकेश पाल और सहायक परीक्षा नियंत्रक पवित्र कैवर्त के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध थे। बिप्लब कुमार शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक इन अभ्यर्थियों को पहले ही प्रश्न पत्र दे दिए गए थे। इन सभी को परीक्षा के बाद उत्तर पुस्तिकाएं ले जाने की अनुमति दी गई थी। उन्होंने उत्तर पुस्तिका घर पर लिखने के बाद फिर से जमा कर दी थी । महत्वपूर्ण है कि रिपोर्ट में कई बातें लीक होने के बावजूद पूर्व विधायक गुरुज्योति दास अभी तक जांच के दायरे में नहीं आए हैं। अब आम लोगों के मन में सवाल यह है कि क्या भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली भाजपा गठबंधन सरकार गुरुज्योति दास के खिलाफ जांच की घोषणा करके उचित कार्रवाई करेंगे या नहीं करेंगे । क्या पूर्व विधायक गुरुज्योति दास जांच के दायरे में नहीं आएंगे क्योंकि वह भाजपा पार्टी से हैं? अब भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली भाजपा सरकार पूर्व विधायक के खिलाफ क्या कार्रवाई करेगी, यह आने वाले समय में यही ध्यान देने योग्य होगा।