डीएम ने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और मामौर झील का किया निरीक्षण
एनपीटी उत्तर प्रदेश ब्यूरो
कैराना। डीएम ने मामौर झील के निकट बनवाए गए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण कर गंदे पानी की शुद्धता के बारे में जानकारी ली। इस दौरान जेई जियो ट्यूब के बारे में डीएम को कोई जानकारी नहीं दे सके। उन्होंने आवश्यक दिशा—निर्देश दिए। वहीं, डीएम ने मामौर झील का निरीक्षण कर ग्रामीण पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कराने पर बल दिया।
शुक्रवार को जिलाधिकारी अरविंद कुमार चौहान गांव मवी मार्ग पर मामौर झील के निकट बनवाए गए 15 एमएलडी क्षमता के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निरीक्षण पर पहुंचे। उन्होंने प्लांट में होने वाले पानी की शुद्धता, स्ट्रक्चर मैन पंपिंग स्टेशन और स्काडा रूम का जायजा लिया। इस दौरान कार्यदायी संस्था नमामि गंगे इकाई उत्तर प्रदेश जल निगम ग्रामीण मुजफ्फरनगर से जेई विवेक शर्मा ने बताया कि योजना की स्वीकृत लागत 78.42 करोड़ रुपये है। कैराना नगर से प्रतिदिन मामौर झील में आने वाले गंदे पानी को प्लांट में शुद्ध किया जाता है तथा उसे पाइपलाइन के माध्यम से यमुना नदी में प्रवाहित किया जा रहा है। हालांकि, डीएम ने जेई से जियो ट्यूब के बारे में पूछा, लेकिन उन्होंने इस संबंध में जानकारी से इनकार कर दिया। प्लांट में कुल 15 कर्मचारी कार्यरत बताए गए। डीएम ने प्लांट की बाउंड्री वाल के चारों ओर वृक्षारोपण कराये जाने के निर्देश दिए। इसके बाद डीएम ने मामौर झील का निरीक्षण किया। उन्होंने ग्रामीण पर्यटन स्थल के रूप में झील को विकसित करने पर जोर दिया और फुटपाथ, प्रकाश व्यवस्था और वृक्षारोपण आदि के निर्देश दिए गए। डीएम ने कहा कि मामौर झील एवं उसके आसपास के क्षेत्र को विकसित किया जाएगा, तो ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इस दौरान एसडीएम स्वप्निल कुमार यादव, बीडीओ राहुल कुमार, वन क्षेत्राधिकारी राजेश कुमार, ईओ समीर कुमार कश्यप आदि मौजूद रहे।
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डीएम साहब! पाइपलाइन दुरूस्त करा दीजिए
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निरीक्षण के दौरान गांव मवी निवासी संजय अन्य ग्रामीणों के साथ डीएम से मिले। उन्होंने बताया कि प्लांट से यमुना नदी के बीच में पाइपलाइन दो स्थानों से लीकेज हो रही है। इस संबंध में प्लांट के कर्मचारियों को अवगत कराया गया है, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। डीएम ने पाइपलाइन दुरूस्त कराने के भी निर्देश दिए हैं।