बूंदी

आशापुरा माता व महासती जी की विधिवत पूजा अर्चना की गई 

एनपीटी बूंदी ब्यरो

बूंदी! चैत्र नवरात्री के प्रथम दिन  मोती महल (रावला ) स्थित आशापुरा माता व महासती जी की विधिवत पूजा अर्चना महाराव राजा वंशवर्धन सिंह ने कर के बूंदी जिले की खुशहाली व् समृद्धि की कामना । महाराव राजा ने मोती महल स्थित आशापुरा माता के मन्दिर पर प्रकाश डालते हुवे बताया की मोती महल मे आशापुरा माता जी मंदिर का निर्माण 1626 ईसवी में राव रतन सिंह जी ने करवाया था  तथा मूर्ति की स्थापना 1627 ईस्वी में हुई थी ।उसके पश्चात बूंदी की पहली स्कूल रावला में 1870 ईसवी में स्थापित की गई थी जिनके प्रथम प्रधानाध्यापक पण्डित गंगा सहाय जी थे जो बूंदी राज के दीवान थे आशापुरा माता को विभिन्न नाम से पुकारा जाता है जिसमे आशापूर्णा, शाकंभरी, आर्दशक्ति, रक्तदंतिका, जोगणिया, कालिका, विंध्यवासिनी, दुर्गा सहित अनेक नाम है। . मां दुर्गा का हर रूप एक अलग मतलब रखता है और इन नौ के नौ रूप का अर्थ है शक्ति और मजबूती.  इसी पारंपरिक विधान में बूंदी के राज परिवार परंपरा का निर्वहन करते हुए बूंदी महाराव राजा  ने रविवार को मोती महल स्थित आशापुरा माताजी व महासती जी की विधिवत पूजा अर्चना  विधि विधान से पूजन किया तथा जिले में सुख-समृद्धि की प्रार्थना की  इस अवसर पर पंडित द्वारा वैदिक मंत्रोचार के साथ माता की पूजा-अर्चना  व आरती   करवाई गई ।

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