सिरसली गांव दहला गोलियों की गूंज से – ग्राम प्रधान धर्मेंद्र पर जानलेवा हमला

सिरसली/बागपत बागपत जिले के सिरसली गांव की शाम उस वक्त मातम में बदल गई, जब गांव के टैम्पू स्टैंड पर बैठकर ग्रामीणों संग ताश खेल रहे ग्राम प्रधान धर्मेंद्र पर अज्ञात हमलावरों ने अचानक अंधाधुंध गोलियां बरसा दीं। घटना बुधवार शाम करीब 5 बजे की है, जब गांव की गलियों में आम दिनों की तरह चहल-पहल थी, बच्चे खेल रहे थे, बुजुर्ग चौपाल पर बैठे थे और टैम्पू स्टैंड पर ग्राम प्रधान धर्मेंद्र कुछ ग्रामीणों के साथ हल्की-फुल्की बातचीत के बीच ताश खेल रहे थे।
लेकिन किसी को क्या पता था कि अगले ही पल सिरसली गांव की फिजा गोलियों की आवाज से कांप उठेगी। दो बाइक सवार बदमाशों ने पास आकर बिना किसी चेतावनी के फायरिंग शुरू कर दी। गोलियों की बौछार में ग्राम प्रधान धर्मेंद्र गंभीर रूप से घायल हो गए। एक गोली उनके सीने के पास लगी, जिससे वो वहीं गिर पड़े। मौके पर मौजूद एक अन्य ग्रामीण भी गोली लगने से घायल हो गया।
फायरिंग की आवाज सुनकर गांव में अफरा-तफरी मच गई। कुछ लोग जान बचाकर इधर-उधर भागे, तो कुछ ने घायल प्रधान को उठाकर मदद के लिए दौड़ लगाई। सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और घायलों को मेरठ के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के अनुसार प्रधान की हालत नाजुक बनी हुई है।
गांव में तनाव की स्थिति को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। खुद उच्चाधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे, हालात का जायजा लिया और ग्रामीणों से बातचीत की। फिलहाल पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कई टीमें गठित कर जांच शुरू कर दी है।
गांव के बुजुर्ग रामस्वरूप ने आंखों में आंसू भरकर कहा, “धर्मेंद्र हमारा बेटा जैसा है, वो गांव की भलाई के लिए हमेशा आगे रहा, किसी से दुश्मनी नहीं थी उसकी… फिर भी ऐसा क्यों हुआ?”
गांव की महिलाएं सहमी हुई हैं, बच्चे डरे-सहमे हैं। सिरसली गांव की सन्नाटे में डूबी गलियां अब सवाल पूछ रही हैं – क्या कोई राजनीतिक रंजिश है या आपसी रंज़ का खौफनाक अंजाम?
अब हर कोई यही दुआ कर रहा है – धर्मेंद्र बच जाए… क्योंकि गांव उसे सिर्फ प्रधान नहीं, अपना बेटा मानता है।