कभी आसमान छू रहीं थी कीमतें,आज कूड़े के ढेर में सड़ रहे टमाटर

नेशनल प्रेस टाइम्स,ब्यूरो
मुरादाबाद । जनपद, जो टमाटर उत्पादन के लिए जाना जाता है, इस बार भी भारी संकट का सामना कर रहा है। हजारों बीघा में की गई टमाटर की खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा बनती जा रही है। पिछले तीन सालों से लगातार नुकसान झेल रहे किसान इस बार भी मायूस हैं।
टमाटर मात्र 3 से 4 रुपए प्रति किलो खरीद रहे हैं
किसानों का कहना है कि हर साल वह इस उम्मीद में टमाटर की खेती करते हैं कि इस बार मुनाफा होगा, लेकिन मंडी में सही दाम न मिलने और टमाटर की बाहर आपूर्ति बाधित होने के कारण उन्हें लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है। इस बार व्यापारी खेतों से टमाटर मात्र 3 से 4 रुपये प्रति किलो की दर से खरीद रहे हैं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।
किसानों का कहना है घर चलना मुश्किल हो रहा है
इसके अलावा, टमाटर की फसल में फंगस लगने के कारण लगभग आधी फसल बर्बाद हो गई है। खराब टमाटर किसानों द्वारा कूड़े के ढेर पर फेंके जा रहे हैं। मंडियों में भाव न मिलने के कारण व्यापारी सिर्फ एकदम ताजा और सुंदर टमाटर ही खरीद रहे हैं, बाकी को किसान फेंकने को मजबूर हैं। इंतेज़ार अहमद नामक किसान, जिन्होंने इस बार 10 एकड़ में टमाटर की खेती की, कहते हैं कि उनकी पूरी लागत डूब गई है। इस बार तो लागत भी नहीं निकल पा रही है, घर चलाना मुश्किल हो गया है उन्होंने कहा।
किसानों ने सरकार से अपील की है कि उनके लिए न्यूनतम
समर्थन मूल्य (MSP) तय किया जाए और स्थानीय स्तर पर टमाटर की बिक्री और प्रोसेसिंग की सुविधा विकसित की जाए, ताकि हर साल उन्हें इस तरह के नुकसान का सामना न करना पड़े।