दिगंबर जैन महिला महासमिति के द्वारा 27समोशरण अभियान के अंतर्गत भव्य नाटय प्रस्तुति
एनपीटी ललितपुर ब्यूरो
ललितपुर चंदेरी विश्व प्रसिद्ध चौबीसी जैन मंदिर में विराजमान संत 108 मुनि श्री108 महासागर ससंघ के सांनिध्य में चल रहे 27समोशरण विधान के अवसर पर प्रमुख पात्रों के द्वारा अभिषेक शांति की गई ,शांति धारा का वाचन मुनि श्री के मुखारविंद से हुआ ,शांति धारा करने का सौभाग्य राकेश बड़घड़िया, मुकुल चौधरी, मनोज कठरया, कु. प्रदीप सिंह ,अंकित सिंघई एवं दीपक सरावगी परिवार को प्राप्त हुआ एवं 27समोशरण विधान में चक्रवर्ती बनने का सौभाग्य अशोक सराफ आशीष सराफ अमित स्टील परिवार को प्राप्त हुआ, तत्पश्चात मुनि को शास्त्र भेंट कर मुनि श्री की मंगल देशना का पान सभी भक्तों ने किया, प्रवचन पश्चात भैया जी के द्वारा मुनिसुवृत नाथ भगवान की पूजन एवं 27 समोशरण की पूजन क्रियाएं संपन्न कराई गई और 27 समोशरण में श्रीफल समर्पित किए गए ,रात्रि में आरती अभिनंदन कुमार अविनाश कुमार सराफ परिवार, एवं महिला मंडल के द्वारा लाई गई और 27 समोशरण की आरती वंदना की गई, आरती पश्चात विजय भैया लखनादौन के द्वारा जिनवाणी स्तुति की गई
*दिगंबर जैन महिला महासमिति के द्वारा भव्य नाटक प्रस्तुति*
27 समोशरण के अंतर्गत रात्रि में प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है इसी क्रम में महिला मंडल महिला महासमिति के द्वारा रात्रि में 9:00 बजे से जिन दर्शन महिमा नाटक का मंचन किया गया, जिसको देखने के लिए बड़ी मात्रा में श्रद्धालु उपस्थित रहे, और इस नाटक के माध्यम से जिन दर्शन की महिमा, त्याग ,तपस्या और नियमों का वर्णन किया गया नाटक के माध्यम से बताया गया कि जो भी जिनेंद्र भगवान के बताए हुए मार्गों पर चलता है नियम और त्याग को अंगीकार करता है वह कभी भी परेशान नहीं रहता है ,विषम से विषम परिस्थितियों में धर्म ही हमारा साथ देता है, नियमों को पालने वाला, त्याग तपस्या के बल पर परेशान एवं पराजित नहीं हो सकता है, और अंत में नाटक के माध्यम से बताया की धर्म ही हमारा साथ देता है और जीत हमेशा धर्म की होती है, धर्म पर आस्था रखने वाला अपनी जीवन में सुख समृद्धि और वैभव को प्राप्त करता है, इस नाट्य कार्यक्रम में महिला महासमिति की ओर से प्रमुख रूप से श्रीमती शोभा हाथीशाह, सुमन कठरया नेहा सराफ ,अलका जैन ,सुरभी जैन ,सरिता जैन ,ममता समैया, शिल्पी सराफ, रीता जैन, निधि जैन का विशेष सहयोग रहा।