ऑपरेशन सिंदूर का प्रतिशोध : आतंक के विरुद्ध भारत का निर्णायक प्रहार।

मैनपुरी – 7 मई 2025 की रात, भारत ने आतंक के विरुद्ध एक निर्णायक उत्तर दिया — ऑपरेशन सिंदूर के रूप में। यह केवल सैन्य पराक्रम नहीं, बल्कि हर उस माँ, पत्नी और बहन के आँसुओं का उत्तर था, जिनके बेटे, पति या भाई देश की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। पाकिस्तान और PoK में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को सटीकता से निशाना बनाकर यह संदेश दिया गया कि भारत अब केवल सहन नहीं करेगा, प्रत्युत्तर देगा — वह भी पूरे आत्मविश्वास, रणनीति और नैतिकता के साथ। ‘सिंदूर’ का नाम इस अभियान को देना मात्र एक सैन्य निर्णय नहीं, बल्कि भारतीय नारी के सम्मान का प्रतीक है
वह सिंदूर जो तब तक सुरक्षित है, जब तक सैनिक सीमा पर अडिग हैं।
एक माँ की व्यथा – एक देश की शपथ
मांग का सिंदूर भीग गया था, बेटे की तस्वीर के आगे,
अब वही सिंदूर बन गया है, आतंक पर तांडव छेड़ने वाला आग़े।
कोई आँसू अब व्यर्थ न जाए, कोई बलिदान अब मौन न हो,
जहाँ शहीदों की राख बहे, वहाँ प्रतिशोध भी कोमल न हो।
रेनू गौड़ , सदस्य, राज्य महिला आयोग , उत्तर प्रदेश