मुरादाबाद

पुलिस पर सवाल 400Kva का ट्रांसफार्मर चोरी करने वाली क्रेन का चार महीने में पता नहीं लगा पाई 

13 जनवरी 2025 को मुरादाबाद में सीओ दफ्तर के सामने से चोरों ने 400Kva ट्रांसफार्मर उड़ा लिया। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने चोरों को पकड़ तो लिया और भारी-भरकम ट्रांसफार्मर को बरामद कर लिया। मगर आज तक पुलिस उस क्रेन को नहीं ढूंढ पाई।

नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो,

मुरादाबाद।13 जनवरी 2025 को मुरादाबाद में सीओ दफ्तर के सामने से चोरों ने 400Kva ट्रांसफार्मर उड़ा लिया। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने चोरों को पकड़ तो लिया और भारी-भरकम ट्रांसफार्मर को बरामद कर लिया। मगर आज तक पुलिस उस क्रेन को नहीं ढूंढ पाई, जिसके जरिये चोरों ने ट्रांसफार्मर को उठाकर छोटा हाथी पर लादकर नौ दो ग्यारह हुए थे। 

सिविल लाईन्स क्षेत्र में सीओ दफ्तर के सामने से एक ट्रांसफार्मर चोरी किया गया था। पुलिस ने मामले का खुलासा कर छः शातिर चोरों को गिरफ्तार कर उनके पास से कार,एक पिकअप, दो ट्रांसफार्मर, तेल व ट्रांसफार्मर खोलने के उपकरण बरामद किए। घटना के 4 महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस ट्रांसफार्मर उठाने वाली क्रेन का पता नहीं लगा पाई है।

6 आरोपी किए गिरफ्तार

पुलिस ने घटनास्थल का सीसीटीवी देखा, जिसमें जेसीबी की मदद से ट्रांसफार्मर को उठाकर आरोपी लेकर फरार हो गए। फुटेज के आधार पर पुलिस ने चोरों की तलाश शुरू कर दी। इस बीच पुलिस ने ट्रांसफार्मर चोरी करने वाले 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपियों के पास से चोरी किया गया ट्रांसफार्मर और दो वाहन भी बरामद किए। पुलिस खुलासा में पता चला है कि ट्रांसफार्मर चोरी की घटना को लेकर चोरों के द्वारा फिल्मी अंदाज में स्क्रिप्ट लिखी गई थी, जिसमें चोर ने अपने आप को विद्युत विभाग में तैनात जेई बताया. उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर सोची समझी साजिश के तहत ट्रांसफार्मर चोरी किया था-

 ये हैं सवाल

– पुलिस ने भारी-भरकम ट्रांसफार्मर बरामद कर वाहवाही लूटी।

– पुलिस ने उस क्रेन को क्यों नहीं बरामद किया, जिससे ट्रांसफार्मर को उठाकर चोरी किया गया था?

– क्या पुलिस ने चोरी के काम में इस्तेमाल की गई क्रेन मालिक से सांठ-गांठ कर लिया?

– क्रेन कोई छोटी-मोटी वस्तु तो है नहीं, जिस पुलिस ने 400 केवीए का ट्रांसफार्मर ढूंढ लिया, वह पुलिस अब क्रेन ढूंढ पा रही है?

– 

क्या कहती है पुलिस

थाना प्रभारी –

इंस्पेक्टर सिविल लाईन्स मनीष सक्सेना ने बताया कि क्रेन इन चोरों द्वारा किराए पर मंगवाई गई थी। अभी मुख्य आरोपी बिजली विभाग का ठेकेदार फरार चल रहा है। क्रेन को उसी ने बुक किया था। टीमें लगी हुई हैं। बिजली विभाग के ठेकदार के पकड़ में आने के बाद क्रेन का पता भी चल जाएगा। बहरहाल सिविल लाइंस पुलिस ने जब चोरों को पकड़ तो ठेकेदार और क्रेन को पकड़ने में चार महीने से अधिक समय क्यों लग रहा है? यह आम जनता के समझ से परे है।

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