एमआरपी से ज्यादा दामों में बिक रही शराब, आये दिन हो रहा बवाल, आबकारी लाचार

अधिक दामों में बेच रहे शराब दुकानों की विडिओ देने के बाद भी कार्रवाई नहीं कर पा रहा आबकारी विभाग
नेशनल प्रेस टाइम्स, ब्यूरो।
सिंगरौली। खुशी का मौका हो या गम का मौका हो लोग शराब का सेवन खूब करते हैं. अलग-अलग मौकों पर और खास तौर पर शादी, बर्थडे सेलिब्रेशन, एनिवर्सरी और होली जैसे मौकों पर तो जमकर शराब पी जाती है. हालांकि पीने वाले पीने के लिए किसी मौके का इंतजार नहीं करते हैं. सबको पता है कि शराब का सेवन सेहत के लिए हानिकारक होता है शराब की बोतलों पर भी यह बात लिखी होती है. लेकिन बावजूद भारत में रोजाना शराब की खूब खपत होती है. गर्मियों के मौसम में लोग खूब ठंडी चिल्ड बियर पी रहे हैं. कई बार देखा गया है दुकानदार शराब की बोतल पर जो प्रिंट रेट लिखा होता है उससे ज्यादा पैसे लेते हैं।
वैढ़न शराब समहू प्रिंस इंटरप्राइजेज का लोगों ने बनाया वीडियो लेकिन कार्रवाई शून्य
ऐसा ही एक मामला वायरल विडिओ में प्रिंस इंटरप्राइजेज शराब को सरकारी रेट पर न बेच कर ओवर रेट बेचा जा रहा है। यह कार्य शराब दुकान मालिक आबकारी विभाग के अधिकारियों से मिली भगत कर कर रहे हैं। जिसकी वजह से आए दिन सेल्समैन और ग्राहक के बीच दुकानों पर झगड़े हो रहे हैं। गौरतलब है कि अंग्रेजी हो या फिर देसी शराब दुकान सभी दुकानों में प्रिंट रेट से बीस से पचास रुपए अधिक दर पर बेची जा रही है, साथ ही शराब की दुकानों पर रेट लिस्ट भी नहीं लगी है। वहीं शराब की मिल रही शिकायत के बावजूद पुलिस-प्रशासन व आबकारी विभाग कोई कार्रवाई करने को तैयार नहीं है।
वायरल विडिओ में वैढ़न क्षेत्र के निवासी कहते है कि मैंने प्रिंस एंटरप्राइज में एक अंग्रेजी शराब दुकान से एक बीयर की बाेतल ली तो सेल्समैन द्वारा प्रिंट रेट से अधिक 30 रुपए अतिरिक्त लिए विरोध करने पर वह झगड़ा करने लगा। शहर में संचालित अंग्रेजी और देशी शराब दुकानों पर जमकर ओवर रेट में शराब बेची जा रही है। यह सब अबकारी विभाग के अधिकारियों की जानकारी में हो रहा है। इस कारण से वे शराब दुकानदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
शराब समहू के ठेकेदार आबकारी पर भारी
जिले में शराब की बिक्री में अनियमितताओं और आबकारी विभाग की निष्क्रियता ने कई सवाल पैदा कर दिए हैं। क्यों कि जिस तरह से सिंगरौली जिले में शराब दुकानों पर अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से दोगुने दाम पर शराब बेची जा रही है। इसके बावजूद, आबकारी विभाग महंगी बिक रही शराब पर अंकुश लगाने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रहा है। जनता अब आबकारी अधिकारियों से मांग कर रही है कि अगर उनमें थोड़ा भी ईमान बचा है, तो इस मनमानी पर रोक लगाई जाए। शराब ठेकेदारों और कुछ अधिकारियों के बीच सांठगांठ के चलते यह अवैध कारोबार फल-फूल रहा है। शराब लेने वाले व्यक्ति ने बताया कि “हम शराब खरीदने जाते हैं तो दुकानदार मनमाने दाम बताते हैं। अगर एमआरपी पूछो, तो कहते हैं ‘यही रेट है, लेना हो तो लो’। वही जब उनसे बिल मांगते हैं तो कहते हैं बिल नहीं है बिल का क्या करोगे। जहां चाहे वहां शिकायत करो हमारा कुछ नहीं होगा। लोगो का कहना है कि जिले भर की सभी दुकानों का यही हल है आप कही भी किसी भी दुकान पे जाइये आप को सभी जगह रेट बढ़ा कर ही दिया जायेगा। ये सभी शराब समूह के ठेकेदार एक साथ यूनियन बना कर जिले वाशियो और सूरा प्रेमियों को लूट रहे है।
क्या कहता है कानून?
मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम के तहत शराब एमआरपी से अधिक मूल्य पर बेचना अपराध की श्रेणी में आता है। यदि कोई दुकानदार ऐसा करता है, तो उस पर जुर्माना, लाइसेंस रद्द करने और जेल तक की कार्रवाई का प्रावधान है। बावजूद इसके सिंगरौली में नियमों की धज्जियाँ उड़ रही हैं।