झुंझुनू

धर्मपाल गाँधी द्वारा लिखित पुस्तक आजादी की राहों में का हुआ विमोचन साहित्यकारों का किया सम्मान

नेशनल प्रेस टाइम, ब्यूरो।

झुंझुनूं सूरजगढ़। वर्तमान अंकुर प्रकाशन द्वारा आयोजित भावांजलि एवं पुस्तक विमोचन, कवि सम्मेलन और सम्मान समारोह में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाली महिला स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन संघर्ष पर धर्मपाल गाँधी द्वारा लिखित “आजादी की राहों में” पुस्तक का विमोचन वर्तमान अंकुर प्रकाशन के प्रधान संपादक निर्मेश त्यागी वत्स के नेतृत्व में कार्यक्रम कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी आलोक सिन्हा और कार्यक्रम के अध्यक्ष मोहम्मद आजाद व विशिष्ट अतिथि रामकुमार झा निकुंज, सुनीता सोनू व कार्यक्रम में पधारे अतिथियों और वरिष्ठ साहित्यकारों द्वारा किया गया।इस अवसर पर लेखक धर्मपाल गाँधी सहित पुस्तक की संपादक अंजू गाँधी, वर्तमान अंकुर की साहित्य संपादक सुनीता सोनू और समाज सेवी इन्द्र सिंह शिल्ला भी मौजूद रहे। धर्मपाल गांधी ने जानकारी देते हुए बताया कि कार्यक्रम में अन्य साहित्यकारों की पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। विभिन्न स्थानों से पधारे कवि और कवयित्रियों ने शानदार काव्य पाठ प्रस्तुत किया। इस अवसर पर वर्तमान अंकुर साहित्य परिवार द्वारा साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। ‘आजादी की राहों में’ पुस्तक लिखने के लिए धर्मपाल गाँधी को “अंकुर साहित्य सुधाकर सम्मान” से सम्मानित किया गया। ‘आज़ादी की राहों में’ कृति लेखक धर्मपाल गाँधी की स्वतंत्रता संग्राम पर लिखी गई चौथी पुस्तक है। लेखक धर्मपाल गाँधी काफी लंबे समय से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर शोध कर रहे हैं; आजादी की लड़ाई में भाग लेने वाले क्रांतिवीरों व महिला स्वतंत्रता सेनानियों और स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों को दुनिया के सामने लाने का प्रयास कर रहे हैं। पूर्व में लेखक धर्मपाल गाँधी द्वारा लिखित पुस्तक ‘हिन्द की क्रांतिकारी बेटियाँ’ व ‘आजादी के दीवाने’ और ‘क्रांति का आगाज़’ प्रकाशित हो चुकी हैं। तीनों पुस्तकों में हिंदुस्तान की आजादी के लिए राष्ट्रीय आंदोलन में भाग लेने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन संघर्ष का उल्लेख किया गया है। ‘क्रांति का आगाज़’ पुस्तक में महात्मा गाँधी द्वारा शुरू किए गए राष्ट्रीय आंदोलनों और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान घटित घटनाओं का भी उल्लेख किया गया है। तीनों पुस्तक वर्तमान अंकुर प्रकाशन नोएडा द्वारा प्रकाशित की गई हैं और तीनों ही पुस्तक अमेजॉन पर ऑनलाइन उपलब्ध हैं। लेखक धर्मपाल गाँधी ने सभा को संबोधित करते हुए प्रकाशित पुस्तक के बारे में बताया कि “आज़ादी की राहों में” पुस्तक स्वतंत्रता संग्राम में अदम्य साहस, वीरता, शौर्य, त्याग व समर्पण और हिन्दुस्तान की आजादी के लिए सर्वोच्च से बलिदान देने वाली क्रांतिकारी महिलाओं के जीवन दर्शन पर लिखी गई है। आजादी की लड़ाई में महिलाओं के योगदान को शामिल किये बिना भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास अधूरा है। आजादी की राहों में अनगिनत महिलाओं ने हिंदुस्तान की आजादी के लिए अपना जीवन कुर्बान कर दिया था। स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं ने सच्ची भावना और बहादुरी के साथ संघर्ष किया तथा देश को स्वतंत्र कराने के लिए विभिन्न यातनाओं, शोषण और कठिनाइयों का सामना किया। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी द्वारा शुरू किए गए आंदोलनों में महिलाओं ने कंधे से कंधा मिलाकर पुरुष स्वतंत्रता सेनानियों का साथ दिया था। स्वतंत्रता संग्राम में जहाँ पुरुषों का हिस्सा लेना आसान था, तो वहीं महिलाओं के लिए उतना ही मुश्किल था। महिलाओं पर उस दौर में तरह-तरह की सामाजिक पाबंदियां थीं। पुरुष प्रधान देश में महिलाओं का घर से निकलना इतना आसान नहीं था। सच तो ये है कि देश की आजादी के साथ-साथ महिलाओं को अपनी खुद की आजादी के लिए भी संघर्ष करना पड़ा था। “आजादी की राहों में” पुस्तक में चालीस महिला स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन संघर्ष की कहानियाँ लिखी गई हैं। देश की प्रथम स्नातक महिला, ब्रिटिश काल में प्रथम महिला मंत्री और आजादी के बाद देश की प्रथम कैबिनेट में शामिल महिला मंत्री के अलावा देश की प्रथम महिला विधायक सहित पहली बार चुनाव लड़ने वाली क्रांतिकारी महिला को भी पुस्तक में शामिल किया गया है। संविधान निर्माण में भी महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। भारत की संविधान सभा में शामिल 15 महिलाओं को भी पुस्तक में शामिल किया गया है। देश की युवा पीढ़ी को भारत की आजादी में महिलाओं के योगदान के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी पढ़ने को मिलेगी। लेखक धर्मपाल गाँधी ने पुस्तक में शामिल महिला स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में बहुत ही विस्तार से बताया। समारोह में लेखक धर्मपाल गाँधी को साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने पर वर्तमान अंकुर साहित्य परिवार द्वारा “शब्द, शोध, सत्ता, इतिहासकार सम्मान” से सम्मानित किया। कार्यक्रम में देश के विभिन्न प्रांतो से लेखक, कवि, सामाजिक कार्यकर्ता और साहित्यकारों ने भाग लिया। इस अवसर पर समाजसेवी इंद्र सिंह शिल्ला, धर्मपाल गाँधी, अंजू गाँधी, उप सरपंच राकेश मनीठिया, दरिया सिंह डीके आदि अन्य लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन राजदीप सिंह, रोहित मिश्र व यादवेन्द्र आर्य ने किया। वर्तमान अंकुर प्रकाशन के प्रधान संपादक निर्मेश त्यागी वत्स ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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