बैतूल वन विभाग के खिलाफ आदिवासी की निजी जमीन पर कब्जा करने के आरोप

एसपी से की शिकायत
नेशनल प्रेस टाइम्स, ब्यूरो।
बैतूल। घोड़ाडोंगरी तहसील क्षेत्र के ग्राम कान्हावाड़ी निवासी घीसी इवने ने एसपी से शिकायत करते हुए वन विभाग के उच्च अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। घीसी अनुसूचित जनजाति वर्ग से हैं और उन्होंने आरोप लगाया है कि उनकी ग्राम घोड़ाडोंगरी में स्थित निजी स्वामित्व की भूमि खसरा नंबर 686/02 रकबा 1.683 हेक्टेयर पर वन विभाग ने जबरन कब्जा कर लिया है।
जयस जिला अध्यक्ष संदीप धुर्वे के साथ एसपी ऑफिस पहुंचे आवेदक घीसी ने एडिशनल एसपी को सौंपे शिकायत आवेदन में प्रधान मुख्य वन संरक्षक, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वर्किंग प्लान भोपाल, मुख्य वन संरक्षक बैतूल, रेंजर व डिपो प्रभारी वन डिपो घोड़ाडोंगरी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने की मांग की। आवेदक का कहना है कि उक्त भूमि पर बिना अनुमति पौधारोपण कर दिया गया, और फिर रेस्ट हाउस व फॉरेस्ट डिपो का निर्माण कर आवेदक और उसके परिवार को बेदखल कर दिया गया। इस कार्रवाई से उनके समक्ष जीवन यापन का संकट उत्पन्न हो गया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वन विभाग ने बार-बार इस भूमि को अपनी बताते हुए गलत जानकारी शासन और विभाग को दी है, जिससे उन्हें और उनके परिवार को मानसिक क्षोभ भी हुआ है।
आवेदन में बताया गया है कि भूमि पर जबरन कब्जा करने के साथ-साथ पानी के उपयोग के अधिकार और अधिवास अधिकार में भी हस्तक्षेप किया गया। विभागीय अधिकारियों ने व्यक्तिगत रूप से तथ्यों की जानकारी होने के बावजूद बार-बार आवेदक के विरुद्ध विद्वेषपूर्ण कार्यवाहियां कीं और विभागीय अधिकारियों को भी मिथ्या जानकारी देकर गुमराह किया।
घीसी इवने ने शिकायत में यह भी उल्लेख किया है कि उक्त भूमि को खाली करने के लिए उन्हें बार-बार मजबूर किया गया और इसके लिए वन विभाग के अधिकारियों ने गलत दस्तावेज बनाकर उन्हें बेदखल करने की कोशिश की। आवेदक ने यह भी बताया कि उक्त भूमि को लेकर व्यवहार न्यायालय बैतूल के तृतीय व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खंड द्वारा कब्जा देने का आदेश पारित किया गया है, लेकिन वन विभाग के अधिकारियों द्वारा न्यायालय के आदेश की अवहेलना करते हुए अब तक उन्हें भूमि का आधिपत्य नहीं दिया गया।