शामली

किसानों को एकजुट करने खोड़समा पहुंचे राकेश टिकैत

सरकार किसान विरोधी कानून लाएगी तो होगा जबरदस्त विरोध : टिकैत

नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो। 

चौसाना। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने शुक्रवार को क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में जनसभाएं कर किसानों से संगठन को मजबूत करने की अपील की। उन्होंने कहा कि किसान अगर संगठित रहेंगे तो कोई भी सरकार उनकी अनदेखी नहीं कर सकती। खोड़समा, टोडा, सकोती, कमालपुर समेत कई गांवों में हुई सभाओं में किसानों की भारी भीड़ उमड़ी।

खोड़समा गांव में आयोजित कार्यक्रम नवाब राणा के आवास पर हुआ, जिसकी अध्यक्षता करनैल सिंह ने और संचालन मास्टर जाहिद ने किया। सभा को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि किसान ही देश की रीढ़ हैं, लेकिन सरकारें बार-बार किसानों के हितों को नजरअंदाज कर रही हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार कोई भी किसान विरोधी बिल लाएगी, तो उसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।

टिकैत ने कहा, हम किसी राजनीतिक पार्टी के विरोधी नहीं हैं, हम उनके विरोधी हैं जो किसानों के खिलाफ काम करते हैं। हमने कांग्रेस के खिलाफ भी छत्तीसगढ़ में तीन साल तक धरना दिया था। अगर भाजपा भी किसानों की अनदेखी करेगी, तो उसका भी विरोध होगा।

सभा में उन्होंने एक दिलचस्प उदाहरण देते हुए कहा, किसान दिनभर मेहनत कर दूध निकालते हैं और उसे बाजार में 40 रुपये लीटर बेचते हैं, लेकिन जब घर में कोई मेहमान आता है, तो बाजार से 50 रुपये की कोल्ड ड्रिंक लाकर पिलाते हैं। अब वक्त आ गया है कि हम अपनी चीजों को महत्व दें। मेहमानों को कोल्ड ड्रिंक की जगह अपने घर का दूध और लस्सी पिलाएं। इससे खर्च भी कम होगा और अपनी उपज का सम्मान भी बढ़ेगा।

उन्होंने कहा कि संगठन को मजबूत करना आज की सबसे बड़ी जरूरत है। बंटे हुए किसान का कोई सुनवाई नहीं करता, लेकिन जब किसान एकजुट होता है तो सरकारें भी झुकती हैं। टिकैत ने किसानों से अपील की कि वे अपने हक की लड़ाई को समझें और गांव-गांव में संगठन को मजबूत करें।

सभा के दौरान चौधरी राकेश टिकैत के साथ कई प्रमुख किसान नेता व गणमान्य मौजूद रहे। इनमें कुलदीप पंवार, मास्टर जाहिद, नवाब राणा खोड़समा, विनोद प्रधान, जाबांज प्रधान, जुनेद, शौकीन, शहादत, नाजिम, मास्टर सुन्दरलाल कमालपुर प्रमुख रूप से शामिल रहे।

सभा में उठी ग्रामीण मुद्दों की भी आवाज

जनसभा में किसानों ने बिजली की अनियमित आपूर्ति, खेतों में आवारा पशुओं का आतंक और खाद-बीज की कालाबाजारी जैसे मुद्दे भी उठाए। टिकैत ने इन समस्याओं को लेकर जल्द ही जिला स्तर पर आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी।

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