बरेली

विश्व फैटी लिवर दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम 

संतुलित खानपान से ही रुकेगा फैटी लिवर

नेशनल प्रेस टाइम्स,ब्यूरो।
बरेली। फैटी लिवर तेजी से बढ़ती हुई वैश्विक महामारी है। आरंभ में लक्षण स्पष्ट न होने से लिवर के खराब होने की जानकारी नहीं होती। दूसरे या तीसरे चरण में पहुंचने पर फैटी लिवर के लक्षण प्रतीत होते हैं। तभी इसके बारे में पता चलता है। यही वजह है कि यह तेजी से बढ़ता जा रहा है। फैटी लिवर से पीड़ित 70 फीसद रोगी मोटापे से ग्रस्त मिलते हैं। 75 फीसद को टाइप 2 डायबिटीज और 20-80 फीसद में हाइपरलिपिडिमिया से ग्रसित होते हैं। अनियंत्रित होने पर फैटी लिवर लिवर सिरोसिस से लेकर लिवर कैंसर तक की वजह बन सकता है। आरंभिक चरणों में फैटी लिवर का पूरी तरह निदान संभव है। बस इसके लिए सक्रिय जीवन शैली और संतुलित खानपान की जरूरत है। यह बात एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज में विश्व फैटी लिवर दिवस पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने कही।
एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज के जनरल मेडिसिन विभाग की गैस्ट्रोएंटरोलॉजी यूनिट द्वारा “विश्व फैटी लिवर दिवस” पर स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन हुआ। दो सत्रों में आयोजित इस कार्यक्रम में सुबह मरीजों के लिए स्वास्थ्य जांच एवं परामर्श कैंप लगाया गया और शाम को एमबीबीएस के विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक व्याख्यान हुए। विशेष स्वास्थ्य जांच शिविर में मरीजों को फैटी लिवर से संबंधित समस्याओं की जांच, परामर्श और आहार संबंधी सुझाव प्रदान किए गए। मरीजों को खानपान में सावधानियां बरतने, फास्ट फूड का सेवन छोड़ने और खाने में फल और प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने का भी सुझाव दिया गया। विशेषज्ञों ने सक्रिय जीवन शैली के साथ नियमित एक्सरसाइज अपनाने की भी सलाह दी। शाम को फैटी लिवर और इसका प्रबंधन विषय पर शैक्षणिक व्याख्यान हुआ।
Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button