कंचन देवी की लगन और मेहनत ने बदली किस्मत, सरकार की बिरसा हरित ग्राम योजना से जीवन में आया सकारात्मक बदलाव

नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो,
पाकुड़ (झा०खं०), कंचन देवी के जमीन पर बिरसा हरित ग्राम योजना वित्तीय वर्ष 2021-21 में ग्राम सभा के माध्यम से योजना स्वीकृत किया गया। मनरेगा की इस योजना में लाभुक कंचन देवी ने अथक परिश्रम कर एक मिशाल पेश किया है। योजना का आकार एक एकड़ का है। बिरसा हरित ग्राम योजना बनाने से लाभुक आम के ऊपज से आजीविका का श्रोत निर्माण करने तथा अन्तरफसल की खेती कर अपने आय का स्त्रोत बढ़ाने में सफल हुई हैं। योजना के क्रियान्वयन में गांव के मजदूरो को 1116 मानव दिवस का कार्य प्राप्त हुआ।
लाभार्थी की पृष्ठभूमि:
योजना के लाभार्थी कंचन देवी, पति-जयराम भंडारी, ग्राम जामबाद अपने जमीन पर कठिन से कठिन परिश्रम कर एक फसल उपजाते थे। किसी-किसी वर्ष उन्हे एक फसल भी नसीब नहीं होता था जिस कारण दो पूत्र तथा एक पूत्री के साथ गुजर-बसर कठिन हो गया था। मजबूरी में लाभुक कंचन देवी एवं उसके पति को मजदूरी कार्य कर पारिवारिक जरूरतों को पूरा करना पड़ता था।
क्रियान्वयन प्रक्रिया-
ग्राम सभा में कंचन देवी ने जे०एस०एल०पी०एस० के सहयोग से अपने जमीन पर बिरसा हरित ग्राम योजना बनाने की बात रखी जिसके बाद कार्याकारणी से उक्त योजना को पारित किया गया और वार्षिक कार्य योजना में संकलित कर तकनीकि स्वीकृति एवं प्रशासनिक स्वीकृति के उपरान्त मनरेगा साफ्ट में प्रविष्टि कर जियो टैग किया गया तथा उसके पश्चात योजना में कार्य प्रारंभ कराया गया। क्रियान्वयन के दौरान आने वाली चुनौतिया:-*
अपने आवासीय स्थल से कुछ दूरी पर खेत रहने के कारण लाभुक को मवेशी द्वारा पौधा चरने का डर हमेशा लगा रहता था। कंचन देवी और उनके पति ने हौसला रखते हुए निरन्तर अपने बागवानी का देखभाल किया करता था। कंचन देवी अपने आम बागवानी में सब्जी की खेती करना प्रारंभ किया। वर्ष 2021 में बैगन, टमाटर, पालक, सरसों, मूली का उपज कर 1 लाख 5 हजार रूपये का आय किया। इसके बाद प्रत्येक वर्ष अपने आम बागवानी में अन्तरफसल खेती कर आय का मुख्य साधन बनाया। वार्षिक आय में अपेक्षित वृद्धि*:- लाभुक कंचन देवी और उसके पति जयराम भंडारी ने बागवानी में मनरेगा से ही एक सिंचाई कूप का स्वीकृति कराते हुए पानी की उपलब्धता को पूरा किया। जिससे दो वर्ष तक उस बागवानी वाली जमीन पर अन्तरफसल सब्जी की खेती किया तथा लाखों की आय की। तीसरे वर्ष लगभग तीन क्विंटल से अधिक आम की ऊपज कर अपने सालाना आय को दोगुना करने लगा। 40 रूपये प्रति किलो की दर से उसे बेचा। अब कंचन देवी दो लाख से अधिक सालाना कमाने लगी। इसके बाद वह एक ट्रैक्टर लोन में लिया तथा अपने दूसरे खेतों पर भी खेती करने में लग गया। जिससे उनके आय में काफी वृद्धि हुई और उनका रहन-सहन में काफी बदलाव आया।अपनी आय को बढ़ाने एवं सब्जी खेती को सतत रूप से जारी रखने के लिए योजना लाभुक कंचन देवी ने अपने दूसरे खेतों में भी सब्जी खेती करने का लक्ष्य रखा। अब वह अपने दो बेटों और एक बेटी के साथ सकून का जीवन जी रही है। कंचन देवी के प्रयास एवं लगन देखकर उनके आसपास के लोग उन्हें एक रोल मॉडल के रूप में देखने लगे। अब गांव के कई लोग बिरसा हरित ग्राम आम बागवानी को अपना आय का श्रोत बनाने की राह पर चल पड़े।