फतेहपुर पुट्ठी में सड़क-नाली निर्माण को लेकर ग्रामीणों का आक्रोश, एसडीएम कार्यालय पर धरना

बागपत। बागपत जनपद के फतेहपुर पुट्ठी गांव में सड़क और नाली निर्माण कार्य को लेकर उठे विवाद ने अब प्रशासनिक दहलीज पर दस्तक दे दी है। बुधवार को गांव के दर्जनों ग्रामीणों ने एसडीएम कार्यालय बागपत पर पहुंचकर धरना दिया और सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
सुबह करीब 11 बजे शुरू हुए इस धरने में गांव के प्रमुख लोग – सचिन तोमर, रवि तोमर, मनोज आदि ने बताया कि पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा गांव की मुख्य सड़क का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। यह सड़क बड़ौत को अमीनगर सराय और पुरा महादेव मंदिर से जोड़ती है, जिस पर प्रतिदिन भारी संख्या में वाहन गुजरते हैं। लेकिन कुछ लोगों द्वारा जानबूझकर सड़क और दोनों ओर बनने वाली नालियों का निर्माण कार्य जबरन रुकवा दिया गया है।
ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माण कार्य में बाधा डालने वाले लोग विरोध जताने पर झूठे आरोप लगाकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि विरोध में शामिल कुछ लोगों ने अपनी बेटियों को आगे कर अभद्रता व छेड़छाड़ जैसे संगीन आरोप लगाकर प्रशासन को गुमराह करने का प्रयास किया है, जिससे कार्य पूरी तरह ठप हो गया है।
धरने पर बैठे ग्रामीणों ने बताया कि 9 मई को इस संबंध में जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया था, जिस पर 13 मई को राजस्व विभाग व पीडब्ल्यूडी की टीम गांव में आई थी। लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि मौके पर मौजूद हल्का लेखपाल ने बिना किसी पैमाइश के अपनी मर्जी से सड़क की दिशा तय कर दी और सड़क को उत्तर दिशा की ओर निकालने लगा, जबकि शजरे के अनुसार सड़क दक्षिण दिशा में पहले से बनी हुई है और वहीं से गुजरनी चाहिए।
गांववालों का कहना है कि हल्का लेखपाल ने दक्षिण दिशा में मकान बनाए बैठे लोगों से सांठ-गांठ कर शजरे के विपरीत कार्य करने की कोशिश की, जिससे गांव में तनाव का माहौल बन गया है। ग्रामीणों ने मांग की कि किसी अन्य लेखपाल से दोबारा निष्पक्ष पैमाइश कराई जाए और शजरे के अनुसार सही दिशा में सड़क व नाली निर्माण कराया जाए।
धरना दे रहे लोगों ने प्रशासन से मांग की कि निर्माण कार्य में जानबूझकर बाधा डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो ताकि गांव में शांति बनी रहे और विकास कार्यों को रोका न जा सके।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन गांव के इन आक्रोशित लोगों की आवाज को कितनी गंभीरता से लेता है और विकास कार्यों को पुनः गति कैसे दिलाई जाती है।