गोड्डा

झारखण्ड के हर एक जिले से महागामा और दिल्ली तक, एक महिला नेता की मिसाल बनती यात्रा

बासु कुमार मरीक
नेशनल प्रेस टाइम्स ब्यूरो, गोड्डा (झा०खं०), राजनीति के गलियारों में जब कोई महिला नम्र व्यवहारों के साथ सख़्ती, समर्पण और संवेदना के साथ आगे बढ़ती है, तो वह सिर्फ़ एक नेता नहीं, बल्कि एक मिसाल बन जाती है।झारखंड सरकार की ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य एवं पंचायती राज मंत्री सह महागामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह की कहानी भी कुछ ऐसी ही है- जमीनी संघर्ष से लेकर राष्ट्रीय नेतृत्व तक, हर कदम पर उन्होंने अपने पद की गरिमा को सार्थक किया है। दीपिका पांडेय सिंह का राजनीतिक जीवन एक साधारण कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में शुरू हुआ।वे शुरू से ही संगठनात्मक कार्यों में सक्रिय रहीं।पार्टी के सिद्धांतों और जनता के सरोकारों को लेकर उन्होंने हर स्तर पर आवाज़ उठाई।जिला स्तर पर कांग्रेस पार्टी की मजबूती के लिए उन्होंने दिन-रात मेहनत की और जल्द ही संगठन में उनकी भूमिका और प्रभाव बढ़ने लगा। कांग्रेस जिला अध्यक्ष के रूप में उन्होंने संगठन को सक्रियता और अनुशासन के साथ खड़ा किया।गांव-गांव जाकर कार्यकर्ताओं को जोड़ना, जनसरोकारों की बात उठाना और आम जनता के बीच रहना उनकी कार्यशैली का हिस्सा रहा।इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय महिला कांग्रेस में बतौर राष्ट्रीय महासचिव और फिर कार्यकारी अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों को निभाते हुए दिल्ली की सियासत में भी अपनी प्रभावशाली पहचान बनाई। दीपिका पांडेय सिंह ने न केवल झारखंड बल्कि देशभर की महिलाओं के मुद्दों को मुखरता से उठाया।महिला अत्याचार, शिक्षा, रोजगार और राजनीतिक भागीदारी जैसे विषयों पर उन्होंने संसद से सड़क तक आवाज़ बुलंद की। कई राष्ट्रीय आंदोलनों की अगुवाई कर उन्होंने कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व में एक सशक्त महिला चेहरा बनने का गौरव प्राप्त किया। महागामा विधानसभा से विधायक चुने जाने के बाद उन्होंने जमीनी स्तर पर विकास कार्यों को तेज़ी से गति दी। सड़क निर्माण, पेयजल योजना, ग्रामीण रोजगार, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में उन्होंने प्रभावी योजनाएं लागू कीं और जनता के बीच अपनी पैठ मजबूत की। आज गुरुवार को कोडरमा जिला मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में मंत्री श्रीमती दीपिका पांडेय सिंह ने जब खुद कुदारी उठाकर पौधारोपण किया, तो यह दृश्य न केवल प्रेरणादायक था, बल्कि राजनीतिक शुचिता और श्रम की महत्ता का जीवंत उदाहरण भी।उन्होंने न केवल गड्ढा खुदाई की, बल्कि खुद पौधा लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। मंत्री ने मौके पर कहा, नेतृत्व का मतलब सिर्फ़ आदेश देना नहीं, बल्कि खुद उदाहरण पेश करना होता है।जब तक हम अपने हाथों से श्रम नहीं करेंगे, तब तक असली बदलाव संभव नहीं है। दीपिका पांडेय सिंह आज न केवल झारखंड की राजनीति में एक मजबूत स्तंभ हैं, बल्कि कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व में भी एक निर्णायक और सशक्त महिला नेता के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर चुकी हैं।उनकी यात्रा इस बात की मिसाल है कि जमीनी मेहनत, संगठन के प्रति निष्ठा और जनता के प्रति संवेदना, किसी भी नेता को राष्ट्रीय स्तर तक ले जा सकती है।

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