सारे तिलिस्म टूट गए ठाठ बाट में, खूब माल कमाये थे चरण चाट के, धोबी का कुत्ता बन गए, न घर के रहे न घाट के

सिंगरौली महोत्सव के दूसरी संध्या पर कवियों ने किया अपने-अपने कला का प्रदर्शन
नेशनल प्रेस टाइम्स, ब्यूरो।
सिंगरौली । राजमाता चुनकुमारी स्टेडियम बैड़न में सिंगरौली महोत्सव के आज दूसरे दिन रविवार की संध्या पर स्थानीय कलाकारों के साथ-साथ देश के जाने-माने कवियों ने अपने-अपने कविताओं का पाठ कर श्रोताओं को झूमने का ठहाका लगाने के लिए मजबूर कर दिया। कार्यक्रम के शुरूआत में सदर विधायक रामनिवास शाह के मुख्य आतिथ्य में माँ सरस्वती जी के प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरूआत कराई गई। इस अवसर पर मेयर रानी अग्रवाल, ननि अध्यक्ष देवेश पाण्डेय, पूर्व विधायक रामलल्लू बैस, सीडा अध्यक्ष दिलीप शाह, भाजपा जिलाध्यक्ष सुंदरलाल शाह, शाह, कलेक्टर चन्द्रशेखर शुक्ला, एसपी मनीष खत्री, निगमायुक्त डीके शर्मा, एसडीएम सृजन वर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारी गण मौजूद थे।
कवियित्री विभा तिवारी ने ने कविता श्रृंगार कवियित्री होने के नाते अपने पंक्ति में कहा कि ना मैं कविता ना कोई गजल कोई हूं, हर समस्या का तेरे मैं हल कोई हूँ। ना कहानी कोई ना नारवानी हैं। देश के वीरता के निशानी हूँ मैं। शहीदों को नमन करती हूँ, उनके गीत गाती हूँ। मैं हिन्दुस्तान की बेटी हूँ हर जंग जीत जाती हूँ। कभी दुर्गा कभी शक्ति, कभी चण्डी कहलाती हूँ, मैं हिन्दुस्तान की बेटी हूँ हर जंग जीत जाती हूँ। कभी लक्ष्मी, कभी हजरत कभी झलकारी कहलती हूँ। मैं हिन्दुस्तान की बेटी हूँ। हूँ हर जंग जीत जाती हूँ। कभी प्रतिभा कभी किरण कभी कल्पना कहलाती हूँ। मैं हिन्दुस्तान की बेटी हूँ हर जंग जीत जाती हूँ। कभी करनम कभी मैरी कभी सिंदूर कहलाती हूँ। मैं बेटी हूँ, मगर बेटों से बढ़कर फर्ज निभाती हूँ। उठे जब प्रश्न का गौरव पर कलम से ज्वाला जलाती हूँ। मैं हिन्दुस्तान की बेटी हूँ हर जंग जीत जाती हूँ। हास्य कवि अखिलेश द्विवेदी ने माहौल को तब खुशनुमा बना दिया जब उन्होंने राजनीतिक दलों पर कटाक्ष करते हुए कहाकि सारे तिलस्म टूट गये ठाठ बाठ में, खूब माल कमाये थे चरण चाट के, बीजेपी को सांप तो खुद को नेवला बताते बताते, धोबी का कुत्ता बन गये, न घर के रहे न घाट के .. । राधे मां पर भी उन्होंने कटाक्ष करते हुए कविता पढ़ी और खूब तालियां बटोरीं।
वही कवियित्री शालीनी श्रीवास्तव ने कविता पाठ में कहा कि जैसा तन दिख रहा, वैसा मन कीजिए, जैसा तन दिख रहा, वैसा मन कीजिए, ऐसा वैसा ना कोई, जतन कीजिए अतिथि के दौर में प्रेम करते नहीं यह उम्र है भजन की भजन कीजिए। उन्होंने श्रोताओं को जमकर गुदगुदाते हुये ताली बजाने के लिए मजबूर कर दिया।
विधायक व कलेक्टर ने किया सम्मानित
राजमाता चूनकुमारी स्टेडियम में सिंगरौली महोत्सव के दूसरे दिन देर शाम एक-एक कलाकारों ने अपनी अलग-अलग गीत वः व गाने के माध्यम माध्यम से दर्शको को मंत्रमुग्ध करते हुये झूमने के लिए मजबूर कर दिया है। साथ ही स्थानीय लकाकारों ने भी अपनी- अपनी प्रतिभाओं का दम दिखाया। इसके अलावा देर रात तक राष्ट्रीय स्तर के कवियों ने अपनी-अपनी कविता पाठ के माध्यम से श्रोताओं को ठहाके लगाने के लिए विवश कर दिये। वही वीर रस के कवियों ने देश भक्ति कविता के माध्यम से लोगों में जमकर जोश भरा। वही तत्पश्चात विधायक रामनिवास शाह, ननि अध्यक्ष, मेयर रानी अग्रवाल, कलेक्टर चन्द्रशेखर शुक्ला ने स्थानीय कलाकारों एवं राष्ट्रीय स्तर के कवियों को शाल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
हास्य एवं श्रृंगार के कवियों ने श्रोताओं को किया मंत्रमुग्ध
सिंगरौली महोत्सव के अवसर पर दूसरे दिन रविवार के के शाम आयोजित कविता में मुख्य रूप से विष्णु सक्सेना गीतकार, विनीत चौहान वीर रस, अखिलेश द्विवेदी हास्य रस, प्रियांशु गजेन्द्र गीतकार, गजेन्द्र सिंह सोलंकी वीर रस, रविन्द्र नानी हास्य रस, श्वेता सिंह, दिनेश बावरा हास्य रस, लक्ष्मीकांत निर्भिक वीर रस एवं विजय लक्ष्मी शुक्ला गीत ने अपनी कविता के प्रस्तुतियों से उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर कवियों ने अपनी हास्य कविता के साथ-साथ अन्य कवियों ने श्रृंगार रस, वीर रस की कविताओं को सुनाकर श्रोताओं को झूमने के लिए मजबूर कर दिया।