राष्ट्र निर्माण में नारी शक्ति की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण : रवि शास्त्री

बड़ौत। जिला आर्य प्रतिनिधि सभा बागपत के तत्वावधान में चौधरी केहर सिंह दिव्य पब्लिक स्कूल, बड़ौत में चल रहे आवासीय संस्कार शोधक शिविर के दूसरे दिन विविध गतिविधियों के माध्यम से बेटियों को आत्मनिर्भर और संस्कारवान बनाने का प्रयास किया गया।
सुबह की शुरुआत शिक्षिका सीमा आर्या के नेतृत्व में पीटी, सूर्य नमस्कार, भूमि नमस्कार और जूडो-कराटे अभ्यास से हुई। उन्होंने बेटियों को प्रेरित करते हुए कहा, “जब तक बेटियाँ सशक्त नहीं होंगी, तब तक देश का भविष्य अंधकारमय रहेगा। बेटियों में आत्मबल और शारीरिक शक्ति का विकास आवश्यक है, जो केवल नियमित व्यायाम और अनुशासित जीवन से संभव है। आलस्य को त्यागें और अपने व्यक्तित्व को गुणों से भरें। जीवन को विनम्रता से जियें।”
शिविर के यज्ञ सत्र में सविता आर्या ने छात्राओं को यज्ञ की विधि सिखाई और उसकी आध्यात्मिक व वैज्ञानिक महत्ता से अवगत कराया।
रात्रि सत्र में बेटियों ने टेलीस्कोप के माध्यम से चंद्रमा का अवलोकन किया। चांद को इतनी निकटता से देखकर वे रोमांचित हो उठीं। यह अनुभव उनके वैज्ञानिक दृष्टिकोण और अंतरिक्ष के प्रति उत्सुकता को प्रोत्साहित करने वाला रहा।
जिला सभा मंत्री रवि शास्त्री ने शिविर को संबोधित करते हुए कहा, “राष्ट्र निर्माण में नारी शक्ति की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। नारी केवल जननी नहीं, निर्माता होती है। शारीरिक और आत्मिक रूप से सशक्त नारी ही एक सशक्त समाज की आधारशिला रख सकती है।” उन्होंने माता जीजाबाई और शिवाजी का उदाहरण देते हुए कहा कि एक मां के द्वारा दिए गए संस्कार ही बच्चे के चरित्र और राष्ट्रप्रेम की नींव होते हैं।
इस अवसर पर उदय मुनि, धर्मपाल त्यागी, कपिल आर्य, शिक्षिका किरण आर्या, राष्ट्र भरत मुनि, हरेंद्र आर्य, धर्मेंद्र आर्य, दीपक आर्य सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे।