सीकर
लपका गिरोह का बढ़ता कुनबा,खाटूधाम में सक्रिय

गलत इंजेक्शन से गई युवक की जान
सीकर। अक्सर हम गौर करें सीकर शहर की स्थिति की तो यहां पर बड़़ी संख्या में निजी अस्पताल है व सीकर को शिक्षा नगरी के रूप में भी उच्च स्थान प्राप्त है। वहीं जिले का एक ऐसा खाटूधाम धार्मिक स्थल है जो विश्व में अपनी एक अलग पहचान बनाये हुए हैं, यहां पर देश-विदेश से लाखों भक्त दर्शनों के लिए पहुंचते हैं।
जहां तक गौर करें इन तीन मुख्य स्थान की तो पहले यह सुनने व देखने को मिलता था कि चिकित्सा के क्षेत्र में ही लपका गिरोह सक्रिय है, जो कुछ नर्सिंग होम वाले कुछ मेडिकल वालों में कुछ इनसे जुड़े लोगों ने अपने-अपने लोगों को शेखावाटी के सबसे बड़े अस्पताल श्री कल्याण अस्पताल के अंदर व बाहर छोड़ रखा है, जो केवल इतना कार्य करते हैं कि पेशेन्ट व उनके परिजनों को किस तरह फंसाया जाये व अपने पसंद के कुछ निजी अस्पतालों में ले जाया जाये उनकी ऐसी खातिरदारी करते हैं जैसे कि वे उनके रिश्तेदार हो डाक्टरों को दिखाना जांचे करवाना फिर दवाईयां दिलाना व उनके अन्य कार्य तुरंत करवाना ऐसे में मरीज व उनके परिजन सोचते हैं यह तो हमारे लिए भगवान के समान है पर हकीकत की कहानी तो कुछ और ही होती है।
वहीं शिक्षा के मामलों के जाने तो इसमें भी कुछ स्कूल वालों ने कुछ कोचिंग वालों ने अपने-अपने यहां लपका गिरोह का गैंग बना रखा है जो रेलवे स्टेशन, मुख्य बस स्टेण्ड व अन्य स्टेण्डों पर सक्रिय रहते हैं, इसके अलावा जो प्राईवेट गाड़ियां आती है बाहर के नम्बरों की उनमें बच्चों के साथ उनके परिजन नजर आ जाये तो बस फिर क्या वे इसको ऐसे लपकते हैं जैसे आईपीएल का कोई मैच हो फिर वे सम्बन्धित कोचिंग में वह स्कूल में लेकर आते हैं। उनकी खूब आवभगत की जाती है, चमकते दमदार सोफा सेट, एसी हॉल, चाय-पानी, ज्यूस फिर खाना ऐसी चमक दमक देख कर अभिभावक उनकी बातों में आकर यही सोचते हैं क्या संस्था है हमें तो बच्चे को यही रखना है।
तीसरा जो इन दिनों लपका गिरोह का आतंक चरम पर है वह खाटूधाम में एकादशी शनिवार, रविवार मेले के दौरान तो सक्रिय रहता था पहले अब तो आये दिन इनका कुनबा बढ़ता ही जा रहा है, वे यहां पर भक्तों को दर्शनों के नाम पर जो अभियान चलाये हुए है वह किसी से छिपा नहीं है। कुछ दुकानदार, कुछ होटल वालें व कुछ अन्य भी इसमें शामिल रहते हैं, जो पर्दें के पीछे के रास्तों से यह कार्य करवा रहे है और भगवान के दर्शनों को भी लपका से जोड़ दिया है और यह सब होता है सबके सामने किसी से छिपा नहीं है।
लेकिन कभी-कभी लपका गिरोह का दाव उल्टा भी पड़ जाता है, इसका ताजा उदाहरण सोमवार को देखने को मिला जब सेवा गांव के निवासी लोहार समाज के 42वर्षीय भागीरथ पुत्र छोटूराम को एस के स्कूल के आस-पास किसी गाड़ी ने टक्कर मार दी और वह घायल हो गया, जहां पर उसको एस .के .अस्पताल लाया गया। जहां पर प्राथमिक उपचार के दौरान ही निजी अस्पताल के लपकों ने मरीज के परिजनों को बातों में लिया व उसको वहां से छुट्टी दिलवा कर शेखपुरा मोहल्ला, बद्री विहार के पास एक निजी अस्पताल लेकर आये, यहां पर भागीरथ का आनन-फानन में ऑपरेशन कर दिया। रात को जब मरीज को दर्द ज्यादा हुआ तो स्टाफ ने उसे इंजेक्शन लगा दिया। इंजेक्शन लगाने के कुछ समय बाद ही युवक की मौत हो गई।
फिर देखते ही देखते बुधवर को निजी अस्पताल के बाहर हंगामा हो गया। परिजनों ने यहां धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। मौके पर पुलिस पहुंची और काफी देर की बातचीत के पश्चात दोनों पक्षों में समझौता हो गया औ लक्ष्मी की कृपा से मामला शांत हो गया तब परिजन माने व शव को लिया। बाद में पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया।
घटना को देखें तो इसमें परिवार गरीब था गाड़िया लुहार परिवार से था। इसमें वो कुछ लोग धरना प्रदर्शन में नहीं पहुंचे जो पहुंचते हैं वह अपनी राजनीति चमकाते हैंक्योंकि यहां पर जिस अस्पताल में मामला हुआ वो पहले महत्व का था न कि गरीब गाड़िया लुहार परिवार। कहने का तात्पर्य यह है कि लपका गिरोह का मकड़ी जैसा जाल लगातार फैलता जा रहा है, उस पर शायद ही कोई लगाम लगा पाये।